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२२४सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

इस पत्रका उत्तर महाप्रबन्धक (जनरल मैनेजर) ने यह दिया है कि इस मामलेमे तुरन्त जाँच की जायेगी। इसपर रेल-अधिकारी श्री इस्माइल आदमसे मिले भी हैं। मुझे मालूम हुआ है कि श्री इस्माइल आदम स्वयं भी कार्रवाई करना चाहते हैं।

फकीरा और धरमू नायकर

ये दोनों व्यक्ति शुक्रवारको' छूट गये। गुजराती हिन्दुओंमें बचे हुए सत्याग्रहियोंमें श्री फकीरा एक पक्के सत्याग्रही हैं। वे छः-सात बार जेल हो आये हैं। उन्होंने अपनी चिन्ता नहीं की। श्री काछलिया और अन्य सज्जन [जेलसे] उन्हें और श्री नायकरको लेने गये थे। श्री फकीराने समाचार दिया कि सभी सत्याग्रही प्रसन्न हैं।

कैदियोंसे मुलाकात

श्री कैलेनबैक रविवारको कैदियोंसे मिलने डीपक्लूफ गये थे । वे श्री सोराबजीसे मिले । उनका स्वास्थ्य अच्छा था। उन्होंने खबर भेजी है कि सभी सत्याग्रहियोंका उत्साह अक्षुण्ण है। श्री कैलेनबैक लगभग एक घंटे तक श्री सोराबजीके साथ रहे।

डेलागोआ-बेमें सत्याग्रही

डेलागोआ-बेसे श्री चोकलिंगम पिल्लेका पत्र आया है। उसमें वे कहते हैं कि अठारह भारतीय अभीतक स्टीमरमें नहीं चढ़ाये गये हैं। वे यह भी लिखते हैं कि उनके झगड़नेसे खूराकमें फेरफार हुआ है और अब उन्हें खूराक ठीक मिलेगी ।

गोरे सत्याग्रही

भारतीय समाज द्वारा सत्याग्रह किये जानेके बाद उसकी हवा चल पड़ी है। ऑरेंज रिवर कालोनीमें अंग्रेज लड़कोंको डच भाषा सीखनी ही पड़ेगी, ऐसा कठोर नियम बनाया गया है। इस नियमके विरोधमें वहाँके शिक्षण विभागके प्रमुख अधिकारीने इस्तीफा दे दिया है। अंग्रेजोंको इस समय बड़ी पीड़ा हो रही है । उक्त उपनिवेशकी संसदके सदस्य लिखते हैं कि किसी भी हालतमें इस नियमके आगे न तो झुकना चाहिए और न इसे बिलकुल मानना ही चाहिए। इस विषयमें बहुत चर्चा रही है और यहाँके समाचारपत्र भी प्रोत्साहन दे रहे हैं। {{left[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ९-४-१९१०}} १. वस्तुतः तारीख २ को; उस दिन शनिवार था; देखिए " ट्रान्सवालकी टिप्पणियों", इंडियन ओपिनियन, ९-४-१९१० । Gandhi Heritage Portall