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२१६. जोहानिसबर्गकी चिट्ठी

सोमवार [ जून २०, १९१०]

सत्याग्रही फार्म

इस फार्मपर महिलाओंको बुलानेकी व्यवस्था सरगर्मीसे की जा रही है। श्री कैलेनबैंक भवन निर्माणमें व्यस्त हैं। मकानोंकी पचास फुट लम्बी कतार बनानेके लिए नींव डाल दी गई है। यह नींव पत्थरोंकी चिनी गई है और पत्थर ढोने में श्री चिनन, श्री कुप्पुसामी नायडू, श्री मणिलाल गांधी, श्री गांधी और अन्य लोग काफिरोंके साथ काम करते हैं। पत्थर फार्ममें ही हैं; किन्तु उनको पहाड़ीपर से उस जगह तक ढोना पड़ता है जहाँ चिनाई की जा रही है। श्री गोपाल नायडू रसोईका काम करते हैं। कुल मिलाकर छ: भारतीय और श्री कैलेनबैक साथ-साथ रहते और साथ-साथ भोजन करते हैं। भोजन पूर्णतया भारतीय ही होता है। जिनको आवश्यकता होती है वे प्रातःकाल भुने गेहूँकी कॉफी और डबल रोटी लेते हैं। रोटी हाथसे बनाई जाती है और बिना खमीरकी होती है। उसमें बोरमील और मोटा दला गेहूँ काममें लाया जाता है। बारह बजे भात, कड़ी, रोटी और फार्मके सन्तरेका वहींका बना मुरब्बा लिया जाता है। शामको गेहूँका दलिया, रोटी और मुरब्बा होता है। मक्खनका उपयोग बन्द कर दिया गया है। भोजन बनानेमें जितना घी काममें लाया गया हो उतना पर्याप्त माना जाता है। दोपहरको और रातको कुछ मेवा हो तो मेवा और मूंगफली ली जाती है। इस भोजनमें यदि महिलाओंके आनेके बाद परिवर्तन आवश्यक जान पड़ा तो किया जायेगा । ऐसी मण्डलीमें श्री कैलेनबैक परिवारके एक सदस्यके रूपमें रहते हैं, यह मुझे तो बड़ा आश्चर्यजनक और आनन्दप्रद प्रतीत होता है ।

डेविड ऐन्ड्र

श्री डेविड ऐंडू, सैमुएल जोजेफ और श्री धोबी नायना आठ दिनके लिए रिहा किये गये हैं। आगामी शुक्रवारको उनको निर्वासित किया जायेगा । श्री डेविड ऐंड्र और श्री सैमुएल जोजेफको चीनी [संघके] अध्यक्षने आमन्त्रित किया इसलिए वे लोग वहाँ रहते हैं। वे चीनी क्लबमें ठहराये गये हैं। यह क्लब बहुत अच्छे ढंगसे चलाया जाता है। भारतीयोंके पास ऐसा भवन नहीं है, यह सचमुच एक कमी है।

थम्बी नायडू

श्री थम्बी नायडूको कहाँ ले जायेंगे, यह अबतक निश्चित नहीं हुआ है। उनके साथ चार दूसरे सत्याग्रही हैं।

नये दल

पहले ट्रान्सवाल, ऑरेंज कॉलोनी और केपमें क्रमश: 'हेट फोक', 'यूनियन' और 'बॉण्ड' नामक राजनीतिक पार्टियाँ थीं। अब श्री बोथा और उनके मित्रगण तीनों Gandhi Heritage Heritage Portal