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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

समय केप टाउनमें रहें । अतः संघका विनम्र विश्वास है कि जनरल स्मट्स अपने फैसलेपर पुन: विचार करेंगे और श्री रिचसे भेंट करेंगे ।

ब्रिटिय भारतीय संघ

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५२६१) की फोटो नकलसे ।

४०८. पत्र : एल० डब्ल्यू० रिचको

[ जोहानिसबर्ग ]
मार्च ९, १९११

प्रिय रिच,

आपका तार' मिला। उससे मुझे बड़ी आशा बँधती है। आपको याद होगा कि हम लन्दनमें टाउंटो स्कूलके एक नवयुवक छात्रसे मिले थे । उसके पिता हाजी सुलेमान शाह मुहम्मदने मुझे लिखा है कि वे जो भी सहायता कर सकते हैं, करेंगे। मुझे आशा है कि आपको मेरे सभी तार और पत्र नियमित रूपसे मिलते रहे हैं। आज मैं आपके नाम लन्दनसे आये तीन पत्र आपके मौजूदा पतेपर भेज रहा हूँ ।

हृदयसे आपका,

[ पुनश्च : ]

अभी-अभी मैंने जो तार' भेजे हैं, उनकी प्रतियाँ संलग्न कर रहा हूँ ।

स्पष्टतः चचा जान [ स्मट्स ] के लिए रिच हौएकी तरह डरावने लगते हैं।

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५२६३) की फोटो- नकलसे ।

४०९. पत्र : एच० एस० एल० पोलकको

मार्च ९, १९११

प्रिय पोलक,

मुझे अभी-अभी रिचका एक तार मिला है, जिसमें वे कहते हैं कि आखिरकार केपके भारतीय समाजमें एकता स्थापित हो गई है। इसके लिए ईश्वरको धन्यवाद । मुझे आश्चर्य है कि आखिर वे लोग एक हो गये और जो लोग अभीतक चिकनी- चुपड़ी खानेके आदी थे, वे अब रूखी-सूखीसे काम चलायेंगे ।

१. इसमें कहा गया था : " केपका भारतीय समाज अन्ततः एक होकर सक्रिय " । २. देखिए पिछले दोनों शीर्षक 1 ३. यहाँपर कागज फटा हुआ है । ४. देखिए पिछला शीर्षक: