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प्रवासी विधेयक

आशा है कि संसदके सभी सदस्योंने इसे पढ़ा होगा। क्या आप यहाँसे और नेटालसे अलेक्ज़ेंडरको एक-एक पत्र भेजना ठीक समझते हैं ? मेरा ख्याल है कि उनकी सहायता बहुत मूल्यवान होगी ।

हृदयसे आपका,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५३१२) की फोटो - नकलसे ।

४४०. पत्र : एच० एस० एल० पोलकको

मार्च १७, १९११

प्रिय पोलक,

मुझे आशा है आपको वहाँके हमारे मित्रोंमें कर्तव्यकी भावना जगाने में सफलता मिली होगी । यद्यपि मैं अभी भी आशा करता हूँ कि स्मट्सके नाम हमारे तारका' अनुकूल उत्तर मिलेगा, तथापि यहाँ हम संघर्ष पुनः प्रारम्भ करनेकी पूरी तैयारी कर रहे हैं। कार्टराइट अपने दल और स्मट्स, दोनोंसे बहुत खिन्न हैं। मुझे मालूम हुआ है कि वे जिस बातकी आशा कर रहे हैं, वह न हुई तो लगभग एक सप्ताह में 'लीडर' को छोड़ देंगे ।

हृदयसे आपका,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५३१३) की फोटो - नकलसे ।

४४१. प्रवासी विधेयक

इस विधेयकके द्वितीय वाचनपर जो बहस हुई उससे प्रकट होता है कि इस नाजुक मौकेपर श्री रिचका केप टाउनमें होना हमारे लिए कितना शुभ हुआ है। 'टाइम्स' ने कहा था कि श्री रिच उन व्यक्तियोंकी मदद करनेके लिए दक्षिण आफ्रिका आ रहे हैं जो एशियाई प्रश्नका कठिन सवाल हल करने की कोशिशमें लगे हैं। घटना- चक्रको देखते हुए ये शब्द बिलकुल सही निकले। ऐडवोकेट श्री अलेक्ज़ेंडरने बहसमें जो प्रभावशाली हिस्सा लिया उसमें श्री रिचका हाथ जान पड़ता है । भारतीयोंने तीनों प्रान्तोंमें जो-जो मुद्दे उठाये थे, उनमें से एक भी मुद्दा उन्होंने [ अलेक्ज़ेंडरने ] नहीं छोड़ा और यह बात स्पष्ट कर दी कि यदि विधेयक किसी संशोधनके बिना पास हो गया तो सत्याग्रहियोंको शान्तिकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी । नेटाल और केपके भारतीयोंने जो आपत्तियाँ उठाई हैं, यदि उन्हें दूर करनेकी दृष्टिसे संशोधन करके वहाँके भारतीयोंकी स्थिति में परिवर्तन नहीं किया गया, और यदि सत्याग्रही

१. ऐडवोकेट अलेक्ज़ेंडर; देखिये "प्रवासी विधेयक", पृष्ठ ५०५-०६ । २, देखिए " तार : जनरल स्मट्सके निजी सचिवको”, पृष्ठ ५०२-०३ ।