पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/५७४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।



५३०
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

(५) मालूम होता है, यहाँ बसे हुए भारतीयोंकी स्त्रियों और बच्चोंको अबतक जिस तरहका संरक्षण मिलता रहा है, इस विधेयकमें उसकी व्यवस्था नहीं है;

(६) यह विधेयक शैक्षणिक परीक्षा पास कर लेनेके बाद प्रविष्ट होनेवाले ब्रिटिश भारतीयोंको संघके एक प्रान्त में निवास सम्बन्धी प्रश्नपर एशियाई कानूनों के अधीन कर देता है और इस तरह जातीय अथवा रंगभेदको जन्म देता है; और विश्वास करती है कि संघ सरकार राहत प्रदान करनेवाले आवश्यक संशोधन प्रस्तुत करेगी ।

श्री जी० पी० गांधी द्वारा अनुमोदित; और श्री जे० आर० सॉलामन ( टोंगाट) द्वारा समर्थित ।
(२) श्री इस्माइल गोरा द्वारा प्रस्तावित :

नेटालके ब्रिटिश भारतीय निवासियोंकी यह सभा घोषित करती है कि यदि प्रथम प्रस्ताव में वर्णित निर्योग्यताओंको लागू करनेसे सम्बन्ध रखनेवाली धारा विधेयकसे निकाली नहीं जाती अथवा सन्तोषजनक रीतिसे संशोधित नहीं की जाती तो इस सभामें उपस्थित व्यक्ति विधेयकका अपनी पूरी शक्तिसे सादर विरोध करेंगे।

श्री आर० एन० मूडले (मैरित्सबर्ग) द्वारा अनुमोदित; और श्री एस० इमाम अली द्वारा समर्थित ।

(३) श्री अब्दुल्ला हाजी आदम द्वारा प्रस्तावित :

नेटालके ब्रिटिश भारतीय निवासियोंकी यह सभा उपर्युक्त प्रस्तावोंके उद्देश्योंको प्रभावकारी रीतिसे कार्यान्वित करने के लिए चन्दा एकत्रित करनेका अधिकार देती है ।

श्री आर० बी० चेट्टी द्वारा अनुमोदित; और श्री एम० एम० सुलेमान (उमजिटो) द्वारा समर्थित ।

(४) श्री पारसी रुस्तमजी द्वारा प्रस्तावित : नेटालके ब्रिटिश भारतीय निवासियोंकी यह सभा ट्रान्सवाल भारतीय समाजको, जबतक प्रस्ताव नं० १ में उल्लिखित प्रजाति-भेद या रंगभेद हटा न दिया जाये तब- तक, सत्याग्रहको जारी रखनेके संकल्पके लिए बधाई देती है और उनके इस संकल्पका हार्दिक अनुमोदन करती है।

श्री लछमन पाण्डे द्वारा अनुमोदित; और श्री मुहम्मद कासिम कुवाड़िया द्वारा समर्थित ।

(५) श्री सुलेमान करवा द्वारा प्रस्तावित : नेटालके ब्रिटिश भारतीय निवासियोंकी यह सभा अध्यक्षको अधिकार देती है कि वह उपर्युक्त प्रस्तावोंकी प्रतिलिपियाँ संघ-सरकार, सम्राट्की सरकार और भारत सरकारको भेज दे ।

श्री पी० के० नायडू द्वारा अनुमोदित; श्री रुकनुद्दीन द्वारा समर्थित

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १-४-१९११