पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/६१५

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परिशिष्ट १२

(१)

हॉस्केनके नाम जनरल स्मट्सका तार

केप टाउन
मार्च २४, १९११

मुझे आपका तार मिल गया है । मुझे आपके रुखपर सख्त अफसोस है । भारतीयोंने यह बात कभी मुँहसे निकाली तक नहीं कि शिक्षित भारतीय प्रवासी, पंजीयनके अथवा प्रान्तोंके विशिष्ट कानूनोंसे मुक्त रहें । उनकी माँगें इतनी ही हैं कि उन्हें अस्थायी अनुमतिपत्रों के बजाय स्थायी निवासके अधिकार दिये जायें। ट्रान्सवाल अधिनियमके अन्तर्गत आवश्यक पंजीयनसे उन्हें मुक्त करनेकी बात तो मैंने अब अपनी ही ओरसे पेश की है और मेरे ऐसा करते ही यह माँग की जा रही है कि मैं उन्हें ऑरेंज फ्री स्टेटके कानूनसे भी मुक्त कर दूँ और न किये जानेपर सत्याग्रह आन्दोलनको जारी रखनेका डर दिखाया जा रहा है । अब आप मुझे सूचित करते हैं कि इस नई माँगमें आपकी स्वीकृति है । मुझे लगता है कि आप जो कर रहे हैं वह अविचारपूर्ण और शरारत से भरा हुआ है; मैं तो आपके इस रुखपर सिर्फ अफ़सोस ही जाहिर कर सकता हूँ। अन्ततोगत्वा इससे आपका तो कुछ बनने-बिगड़नेवाला नहीं है; बीतेगी भारतीय समाजपर । उसके खिलाफ गोरोंकी नाराजगी रोज-ब-रोज बढ़ती जा रही है और वे ज्यादा सख्त कानूनकी माँग कर रहे हैं। शिक्षित ट्रान्सवालमें बल्कि ऑरेंज फ्री स्टेटमें भी प्रवेश देनेकी इस नई मॉंगका स्थायी समझौते का सुनहरा अवसर हाथसे जाता रहेगा ।

मूल अंग्रेजी तारकी फोटो नकल (एस० एन० ५३५३) से ।

(२)

जनरल स्मट्सके नाम हॉस्केनका तार

भारतीयोंको न सिर्फ नतीजा यह होगा कि अनुमति प्राप्त शिक्षित भारतीयों के इन अधिकारोंकी भारतीय समाजने हमेशा हिमायत की है । लॉर्ड क्रू के खरीते में श्री गांधीका पत्र देखिए । भारतीयोंकी माँग शिक्षित एशिया- इयोंके स्थायी अधिवासके अधिकारोंके लिए उतनी नहीं जितनी रंगभेदको हटानेके लिए है । फ्री स्टेटके विषय में : हम प्रधानमन्त्री द्वारा २० दिसम्बरके खरीते में दिये गये निश्चित वचनका पालनमात्र चाहते हैं । क्या अब उस वचनका पालन नहीं रहा ? विधेयकके दूसरे वाचनके समय क्या आपने भी ऐसा ही नहीं फरमाया था ? जहाँ तक व्यावहारिक राजनीतिकी बात है शायद ही कोई भारतीय फ्री स्टेटमें प्रवेश करनेकी कोशिश करे । किन्तु भारतीय समाज रंगभेद से उत्पन्न निर्योग्यताको स्वीकार नहीं कर आफ्रिका और साम्राज्यके विचारते शान्तिपूर्ण समझौता सम्पन्न उत्कट इच्छा है । मूल अंग्रेजी तारकी फोटो नकल (एस० एन० ५३५७ ) से । सकता । दक्षिण कराने की मेरी