नवम्बर १९ : ब्रिटिश भारतीय संघके अध्यक्षने जेल-निदेशकको डीपक्लूफ जेलमें भारतीय सत्याग्रहियोंके अनशनके बारेमें लिखा ।
नवम्बर २० : काउंट लिओ टॉल्स्टॉयका देहावसान |
नवम्बर २२ : ब्रिटिश भारतीय संघके अध्यक्षने जेल-निदेशकको डीपक्लूफ जेलमें भारतीय सत्याग्रहियोंके साथ होनेवाले दुर्व्यवहारके विरोधमें लिखा ।
दिसम्बर ४ : गांधीजीने जोहानिसबर्गके सोशलिस्ट हॉलमें टॉल्स्टॉय और उनके सन्देशके बारेमें व्याख्यान दिया ।
दिसम्बर ९ : श्री जी० ए० नटेसनको एक पत्र लिखकर निर्वासित भारतीयोंके लिए किये गये उनके कार्यके लिए धन्यवाद दिया ।
दिसम्बर १३ : स्मट्सने वक्तव्यमें सरकारका यह इरादा व्यक्त किया कि सारे दक्षिण आफ्रिकापर लागू होनेवाला एक प्रवासी विधेयक पेश किया जायेगा; और वह प्रवास सम्बन्धी समूची नीतिका पुनरीक्षण करनेका उपयुक्त अवसर प्रदान करेगा ।
दिसम्बर १५ : गांधीजी तथा अन्य लोग डीपक्लुफ जेलसे भारतीय सत्याग्रहियोंकी रिहाईपर उनसे मिले ।
दिसम्बर २७ : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसने अपने इलाहाबाद अधिवेशनमें एक प्रस्ताव द्वारा ट्रान्सवालके भारतीयोंके संघर्षकी प्रशंसा और भारत सरकारसे गिरमिटिया मजदूरोंकी भर्ती बन्द करनेका आग्रह किया ।
दिसम्बर ३० : गांधीजीने श्रीमती सोढाके मुकदमे में पैरवी की ।
१९११
जनवरी ३ : भारत सरकारने वाइसरॉयकी विधान परिषद (कलकत्ता) में नेटालको और अधिक गिरमिटिया भारतीय भेजनेपर प्रतिबंध लगानेके अपने फैसलेकी घोषणा की। गोखलेने इसके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की ।
जनवरी ७ : नेटाल भारतीय कांग्रेसने दक्षिण आफ्रिकाके लिए गिरमिटिया मजदूरोंकी भर्ती बन्द करानेके लिए भारत सरकार और गोखलेको धन्यवाद दिया ।
जनवरी ९: गांधीजी टी० नायडूके साथ डीपक्लूफसे रिहा हुए कैदियोंसे मिले । जनवरी ११ : श्रीमती रम्भाबाई सोढाको १० पौंड जुर्माने और एक माहकी साधारण कैदकी सजा हुई। अपील करनेका नोटिस देनेपर बादमें उनको जमानतपर छोड़ दिया गया ।
जनवरी १९ : क्विन, रायप्पन और अन्य सत्याग्रहियोंको सजा हुई ।
जनवरी २५ : सर्वोच्च न्यायालयके अपील-विभाग (एपैलेट डिवीजन) में मुख्य न्यायाधि- पति लॉर्ड डी' विलियर्सने महमूद छोटाभाईके मामले में निष्कासनके आदेशको विधि शून्य घोषित किया और एशियाइयोंके पंजीयकको पंजीयन प्रमाणपत्र जारी करनेका आदेश दिया। उन्होंने कहा : " . अवांछनीय प्रवासकी रोक-थामकी अपेक्षा प्रजाकी स्वतंत्रताकी रक्षा करना अधिक महत्त्वपूर्ण है । "