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सम्पूर्ण गांधी वाङमय

मार्च २३ : जोहानिसबर्ग में यूरोपीय ब्रिटिश भारतीय समितिने नये प्रवासी विधेयकके बारेमें गृह मन्त्री के साथ हुए गांधीजीके हालके पत्र-व्यवहारकी ताईद की और सरकारसे प्रस्तावित हलको स्वीकार करनेके लिए कहा ।

मार्च २४ : स्मट्सके निजी सचिवने गांधीजीको सूचित किया कि " प्रवासी विधेयकमें या सरकार द्वारा पेश किये जानेवाले किसी भी संशोधनमें किसी भी प्रकारका कोई जाति या रंग-भेद" नहीं रहेगा ।

स्मट्सने ऑरेंज फ्री स्टेटके सम्बन्धमें प्रस्ताव किया कि उस प्रान्तके मौजूदा कानूनके अन्तर्गत वर्तमान स्थितिको ज्योंका त्यों रहने दिया जाये ।गांधीजीने स्मट्सके निजी सचिवको तार द्वारा कहा कि यदि शिक्षित एशियाई प्रवासियोंको ऑरेंज की स्टेटमें प्रवेश करनेपर एशियाई पंजीयन कानूनके अधीन चलना पड़ा तो जाति-भेद पैदा होना निश्चित ही है।

मार्च २५ : केप टाउनके लिए रवाना ।

मार्च २६ : डर्बनमें नेटाल भारतीय कांग्रेसके तत्वावधान में हुई विशाल सभामें नये प्रवासी विधेयकका विरोध किया गया ।

मार्च २७ : केप टाउनमें गांधीजीने स्मट्ससे भेंट की ।

मार्च २९ : नेटाल भारतीय कांग्रेसने नये व्यक्ति कर विधेयकके विरोध में वित्त मन्त्रीको तार भेजा ।

गांधीजीने लेनके नाम पत्रमें कहा कि प्रवासी विधेयकमें अविवास, विवाह और माता-पिता के सम्बन्धके बारेमें स्मट्स द्वारा पेश किये जानेवाले संशोधनोंमें जो यह व्यवस्था की जा रही है कि प्रवासी अधिकारीके सामने साक्ष्य प्रस्तुत किया जाये; उसके फलस्वरूप पक्षपात, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरीके लिए रास्ता खुल सकता है।

मार्च ३० से पहले : 'केप-आर्गस 'से भेंट |

मार्च ३० : एल० डब्ल्यू रिच और अपने सम्मानमें 'केप टाउन युनाइटेड हिन्दू एसो- सिएशन' द्वारा आयोजित सभामें भाषण किया।