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तारीखवार जीवन वृत्तान्त

मार्च ९ : नेटाल भारतीय कांग्रेसकी सभा में प्रवासी विधेयकके विरुद्ध प्रस्ताव किया पास गया।

मार्च ११ : ब्रिटिश भारतीय संघके अध्यक्षने केप टाउनमें संसद सदस्योंको यह अनुरोध करते हुए तार दिया कि नये प्रवासी विधेयकको इस प्रकार संशोधित किया जाये कि ब्रिटिश भारतीय संघ द्वारा उठाई गई आपत्तियोंका निराकरण हो जाये । गांधीजीने नटेसन, गोखले और दक्षिण आफ्रिकी ब्रिटिश भारतीय समिति ( लन्दन ) को तार द्वारा सन्देश भेजा कि कानूनी समानताको मान्यता देनेके कारण नया विधेयक सैद्धांतिक रूपमें संतोषजनक है और यदि उसमें संशोधन करके शिक्षित भारतीयोंको पंजीयन अधिनियमकी व्यवस्थाओंसे विमुक्त कर दिया जाये और नाबालिग बच्चों तथा पत्नियोंको संरक्षण दे दिया जाये तो सत्याग्रह समाप्त हो जायेगा ।

मार्च १२ : केप टाउनमें भारतीयोंकी एक विशाल सभामें प्रवासी विधेयकका विरोध किया गया।

मार्च १३ : गृह मन्त्रीने विधानसभा में प्रवासी विधेयकके द्वितीय वाचनका प्रस्ताव रखा ।

मार्च १५ : केप, नेटाल और ट्रान्सवालके भारतीयोंकी याचिकाएँ संसदके सामने पेश की गईं।

मार्च १६ : गांधीजीने 'प्रिटोरिया न्यूज़' के नाम एक पत्रमें अपनी भेंटके सम्बन्धमें पैदा होनेवाली भ्रामक धारणाओंका स्पष्टीकरण किया ।

मार्च १७ : नये विधेयकके संशोधनके सम्बन्धमें स्मट्सके निजी सचिवको तार भेजा ।

मार्च १८ : चीनी संघके कार्यवाहक अध्यक्ष द्वारा गृह मन्त्रीके सचिवको भेजे गये तारमें चीनियोंकी ओरसे कहा गया कि वे जाति-भेद तथा रंग-भेद दूर करनेके लिए, प्रवासी प्रतिबन्धक विधेयकका संशोधन करने, वैध निवासियोंकी पत्नियों और नाबालिग बच्चोंको संरक्षण देने और सुसंस्कृत चीनियोंकी एक सीमित संख्या में संघ में प्रवेश करनेकी व्यवस्था करनेके लिए किये गये अनुरोधके बारेमें ब्रिटिश भारतीय संघके साथ हैं ।

मार्च २० : गांधीजीने नये प्रवासी विधेयकके अन्तर्गत राहत देनेके लिए स्मट्सके निजी सचिवको तार भेजा और पत्र लिखा । नेटाल भारतीय कांग्रेसने गृह मन्त्रीके निजी सचिवको तार भेजकर नये विधेयकके उस संशोधनका विरोध किया जिसके द्वारा शैक्षणिक परीक्षामें पास होकर संघमें प्रवेश पानेवाले एशियाइयोंपर उनके ऑरेंज फ्री स्टेटमें प्रवेश करनेपर जातीय प्रतिबन्ध थोपा गया ।

मार्च २१ : लेनने गांधीजीको तार भेजा कि स्मट्स वैध निवासियोंकी पत्नियों और नाबालिग बच्चोंके लिए व्यवस्था करनेके प्रश्नपर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे; लेकिन वे फ्री स्टेटके सम्बन्धमें गांधीजीका रुख 'अनुचित' मानते हैं ।

मार्च २२ : गांधीजीने फ्री स्टेटके प्रश्नके सम्बन्धमें गृह मन्त्रीके निजी सचिवको तार द्वारा उत्तर भेजा ।