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१७२. खुशखबरी

माननीय श्री गोखलेने अगली गर्मियों में दक्षिण आफ्रिका आनेका इरादा जाहिर किया है।[१] इसे जानकर प्रत्येक भारतीयका दिल खुशीसे भर जायेगा । श्री गोखले दक्षिण आफ्रिका भारतीयोंके लिए अपरिचित नहीं हैं। उन्होंने हमारे पक्षमें जो जबरदस्त काम किया है उसके कारण वे हम सबके प्रिय हो गये हैं । इसलिए यह निश्चित है कि यहाँ उनका राजसी स्वागत होगा । हमें इसमें भी सन्देह नहीं कि यूरोपीय समाजके नेता भी उनका स्वागत प्रेमपूर्वक करेंगे। श्री गोखलेका यह आगमन हर प्रकार लाभकारी ही होगा ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ६-१-१९१२

१७३. पत्र : गो० कृ० गोखलेको

टॉल्स्टॉय फार्म
लॉली स्टेशन
ट्रान्सवाल
जनवरी, १२, १९१२

प्रिय श्री गोखले,

आपको इस बातका अन्दाज दे सकना भी कठिन है कि आपके शीघ्र ही यहाँ आनेका समाचार पढ़कर हमें कितनी खुशी हुई है।

आशा है, आप अपने आगमनकी तिथिकी सूचना[२]काफी समय रहते भेज देंगे ।

लन्दन जाते हुए यदि आप पहले इधर आ सकें तो कैसा हो ? मेरी समझमें यह अधिक अच्छा रहेगा, क्योंकि तब आप हमारे मसलेकी छानबीन घटनास्थलपर ही कर सकेंगे और लन्दन पहुँचनेपर ठोस सहायता पहुँचा सकेंगे। मेरा खयाल है कि यदि आप यहाँ कुछ दिनोंके लिए रुक जायें तो लन्दन जानेके पहले तक आपका स्वास्थ्य[३]भी काफी सुधर जायेगा ।

 
  1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके दिसम्बर, १९११ के कलकत्ता अधिवेशनमें उसके दक्षिण आफ्रिका सम्बन्धी प्रस्तावपर बोलते हुए श्री पोल्कने बताया था कि श्री गोखले परिस्थितियोंका प्रत्यक्ष अध्ययन करनेके उद्देश्यसे अगले वर्ष दक्षिण आफ्रिका जाना चाहते हैं। देखिए इंडियन ओपिनियन, २४-२-१९१२ /
  2. देखिए पिछला शीर्षक ।
  3. देखिए “ पत्र : गो० कृ० गोखलेको”, पृष्ठ १७१ और १९१ ।