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१७६. प्लेग

इस बातकी पूरी आशा है कि पॉइंटमें जो प्लेग फूट पड़ा है वह डर्बन नगर में नहीं फैलेगा। मंगलवारसे किसी नये व्यक्ति के बीमार होने की सूचना नहीं मिली है । हमारा खयाल है कि बन्दरगाहके स्वास्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी इस बातका भरसक प्रयत्न कर रहे हैं कि रोग और न फैले। एक यूरोपीय तथा एक रंगदार व्यक्तिकी मृत्युसे स्पष्ट है कि इस मामलेका सम्बन्ध सभी लोगों से है । भारतीय नेताओंने जन-स्वास्थ्य विभाग (पब्लिक हॅल्थ डिपार्टमेंट) के साथ मिलकर काम करने के लिए तुरन्त अपनी एक समिति बनाकर सही रुख अख्तियार किया है। ऐसे मामलों में तो साफ-सीधे और खुले तरीकोंसे काम लेनेसे ही सफलता मिल सकती है। यदि भारतीय समाज और निगमके बीच पारस्परिक सहयोगका भाव व्याप्त हो और दुर्भाग्यवश महामारीका कोई भयंकर प्रकोप हो जाये तो उस हालत में यहाँ रहनेवाले भारतीयोंको डरनेकी आवश्यकता नहीं है। तब वे आश्वस्त रह सकते हैं कि उनके कल्याणके लिए आदमीके हाथमें जो कुछ है सो सब किया जायेगा ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २०-१-१९१२

१७७. जोहानिसबर्ग में चेचक

इसी सप्ताह चेचकके सम्बन्ध में और ज्यादा जाँच-पड़ताल की गई है । यथासम्भव मरीजको छुपा रखनेकी भारतीयोंकी आदतके कारण इस जाँचके काम में स्वास्थ्य- विभागको बड़ी लगन और परिश्रमसे काम करना पड़ता है । इनका हाथ बँटाने में श्री काछलिया, इमाम साहब[१] और दूसरे नेताओंकी समितिने बेहद मेहनत की है । कोई बीमार है, इस बातकी खबर लगते ही उसे सेवा-शुश्रूषाके लिए अस्पताल ले जाते हैं । [ इस जांच के सिलसिलेमें ] जिस मलायीको पहले पकड़ा गया था और बादमें जिसकी मृत्यु हो गई उसके निकट सम्बन्धियोंमें और भी कुछ लोग बीमार हुए हैं। भारतीय धोबियों और साग-भाजी बेचनेवालोंके साथ सम्बन्ध रखनेवाले गोरोंने उनसे अपना व्यवहार कम कर दिया है। सब मिलाकर रोजगारको भारी धक्का पहुँचा है । {{Left [ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २०-१-१९१२}}


११-१४

  1. इमाम अब्दुल कादिर बावजीर अरब माँ-बापसे उत्पन्न एक भारतीय, जो दक्षिण आफ्रिकामें बस गये थे; हमीदिया मसजिद के पेश इमाम और हमीदिया इस्लामिया अंजुमनके अध्यक्ष; गांधीजीके दक्षिण आफ्रिका छोड़ देनेके बाद फीनिक्स आश्रम में जा बसे और फिर गांधीजीके अनुरोधपर उनके साथ रहनेको साबरमती आश्रम आ गये । आपने दक्षिण आफ्रिकामें सत्याग्रह आन्दोलन में भी भाग लिया; देखिए खण्ड ८, पृष्ठ ३६८-६९ ।