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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

पुनश्च :

आपको लिखे अपने पत्रपर हस्ताक्षर करनेके बाद आरेंज फ्री स्टेट के कानूनोंका अध्याय ३३ मैंने फिर पढ़ा। मैंने देखा कि संघ प्रवासी विधेयकके खण्ड २८ के[१] उपखण्ड २ की शब्द-योजना, पिछले साल सोचे गये उसके मूल रूपसे कुछ भिन्न है । वे प्रवासी, जो शिक्षा परीक्षा पास करके फ्री स्टेटमें प्रविष्ट हों, अचल सम्पत्तिकी अपने नाम रजिस्ट्री न करा पाने या व्यापारिक धन्धा या खेती न कर सकनेकी निर्योग्यताको भले बरदाश्त कर लें, किन्तु ऐसा नहीं होना चाहिए कि उन्हें शपथपूर्वक खण्ड ८ में सूचित ज्ञापन देना पड़े । खण्ड ८ का बादवाला हिस्सा पढ़नेसे आप समझ जायेंगे कि मेरा मतलब क्या है ।

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५६०१) की फोटो - नकलसे ।

१७९. तार : गृह-मन्त्रीके निजी सचिवको[२]

[ लॉली ]
जनवरी ३०, १९१२

गृह मन्त्रीके निजी सचिव
केप टाउन

प्रवासी विधेयकपर कल पत्र[३] भेजा, परन्तु आजके प्रथम वाचनको देखते हुए जनरल स्मट्सका ध्यान तुरन्त इस बातकी ओर दिलाना चाहता हूँ कि खण्ड ५, ७, २५ से कानूनी स्थितिमें गड़बड़ी पैदा होती है, क्योंकि उनके अनुसार अधिवासियों और स्त्री-बच्चोंके अधिकारपर अफसरोंका निर्णय अन्तिम, ट्रान्सवालसे केप या नेटालमें प्रवेश करनेवाले भारतीयोंके लिए शिक्षा- परीक्षा और कठिन, नेटालमें भारतीयोंके स्थायी अधिवास प्रमाणपत्र पानसे सम्बन्धित अधिकार सन्दिग्ध । इसके अतिरिक्त लगता है खण्ड २८का[४] मंशा फ्री स्टेटमें प्रवेश करनेवाले शिक्षित प्रवासीसे अध्याय ३३के खण्ड ८ के

  1. यह खण्ड स्पष्ट रूपसे घोषित करता है कि कोई भी एशियाई प्रवासी संघका इमला इम्तिहान पास कर लेनेके पश्चात् भी ऑरेंज फ्री स्टेट कानूनके मातहत ही रहेगा । और इस कानूनकी रूसे आनेवाले एशियाइयोंके लिए यह लाजिमी होगा कि वे नये सिरेसे पंजीयन करायें । इस अधिनियमके ७ और ८वें अनुच्छेदोंके अनुसार एशियाई लोग खेती करने या व्यापार करनेके लिए उपनिवेश में नहीं बस सकते; और उन्हें इस आशयका शापन शपथ-पूर्वक देना पड़ता था । देखिए खण्ड १०, पृष्ठ ५०१-०२ और ५०३-०४; तथा “ पत्र : ई० एफ० सी० लेनको", पृष्ठ ९-१० और खण्ड १०, पृष्ठ ५३५-३७ ।
  2. उत्तर में गांधीजीको निम्नलिखित तार भेजा गया : " तीस जनवरी । आपका तार मिला । प्रवासी विधेयकका द्वितीय वाचन ८ फरवरीसे पूर्व नहीं । तारमें उल्लिखित अन्य मुद्दोंपर विचार किया जा रहा है ।" (एस० एन० ५६०५) ।
  3. देखिए पिछला शीर्षक ।
  4. देखिए पाद-टिप्पणी १ ।