और सक्रिय भाग लिया और जो श्रोता समाज उन्हें घेरे हुए था उसके सामने अपने पुराने जोश-खरोशसे भाषण दिये। उनके धार्मिक उत्साहकी चर्चा किये बिना उनकी स्मृतिमें लिखा गया कोई भी लेख अधूरा ही कहा जायेगा । धार्मिक और दार्शनिक चर्चाओं में भाग लेना उनके जीवनका सबसे बड़ा आनन्द था । वे अपने श्रोताओंके सम्मुख अरबके पवित्र पैगम्बर द्वारा चलाये गये मजहबकी खूबियोंके बयानका कोई मीका हाथसे नहीं जाने देते थे ।
मरहूम श्री अब्दुल्ला हाजी आदमके परिवारके साथ हम अपनी समवेदना प्रकट करते हैं ।
इंडियन ओपिनियन,३-२-१९१२
१८४. नया प्रवासी विधेयक[१]
उपयोगी खण्डोंका सार और टिप्पणियाँ
विधेयक समस्त दक्षिण आफ्रिकापर लागू होता है ।
खण्ड ३
सरकारको सहायता देनेके लिए एक प्रवासी निकाय नियुक्त करनेका अधिकार गवर्नर जनरलको दिया जाता है ।
टिप्पणी
हम इस निकाय में हमारे अपने लोगोंकी नियुक्तिकी माँग कर सकते हैं ।
खण्ड ४ (क)
जो व्यक्ति प्रवासी अधिकारी द्वारा निर्दिष्ट किसी भाषामें पचास शब्द उसे सन्तुष्ट करने योग्य रीतिसे नहीं लिख सकेगा, उस व्यक्तिको संघ में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा ।
टिप्पणी
इसमें संस्कृत और अरबी भाषाएँ भी आ जाती हैं। फिर भी यह खण्ड सख्त है । ट्रान्सवालके भारतीय तो इसका विरोध नहीं कर सकते, लेकिन नेटाल और केप [ के भारतीयों ]को विरोध करना चाहिए। खण्डमें संशोधनकी आशा तो नहीं की जा सकती, लेकिन हमारी आवश्यकताकी पूर्तिके लिए अमुक संख्या में शिक्षित भारतीयोंके प्रवेशको व्यवस्था कर दी जा सकती है ।
- ↑ विधेयकके अंग्रेजी पाठके लिए देखिए परिशिष्ट १३ । अंधाक्षम