२३०. श्री दाउद मुहम्मद श्री दाउद मुहम्मदका सम्मान करके समाजने मानो, अपना ही सम्मान किया है। श्री दाउद मुहम्मद जैसी योग्यता, सूझ-बूझ और प्रसन्न स्वभाववाला व्यक्ति हम लोगों में दूसरा शायद ही कोई हो । यूरोपीयोंपर जैसा प्रभाव उनका है, वैसा कदाचित् ही किसी अन्य भारतीयका होगा । सत्याग्रहमें भाग लेनेके कारण उनका नाम सारे दक्षिण आफ्रिकामें विख्यात हो गया है । हमारी कामना है कि उन्हें और उनके साथियोंको अपने ध्येयकी प्राप्ति में सफलता मिले । [ गुजरातीसे ] इंडियन ओपिनियन, ६-७-१९१२ प्रिय श्री लेन, २३१. पत्र : ई० एफ० सी० लेनको ' जुलाई ६, १९१२ मैं विदित हुआ है कि आप आजकल प्रिटोरिया में हैं । चूँकि मामला कुछ जरूरी -सा था, इसलिए मैंने गत मासकी २५ तारीखको प्रवासी विधेयकके बारेमें कुछ जाननेके उद्देश्य से आपको केप टाउन और प्रिटोरिया, दोनों पतेपर एक तार भेजा था । जनरल स्मट्सको इस सम्बन्धमें कोई तकलीफ नहीं देना चाहता; फिर भी सोचता हूँ कि जो लोग इस विधेयकके बारेमें मुझसे पूछताछ कर रहे हैं, उनको उत्तर देना मेरा कर्त्तव्य है । क्या अब मुझे यह बताया जा सकता है कि उक्त विधेयकके बारेमें सरकारका मन्शा क्या है और अस्थायी समझौता भविष्य में किस तरह कार्यान्वित किया जायेगा ? हृदयसे आपका, [ मो० क० गांधी ] श्री अर्नेस्ट एफ० सी० लेन प्रिटोरिया टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५६६०) की फोटो - नकलसे । १. इस पत्रके उत्तरके लिए देखिए पा० टि० १, पृष्ठ २६८ । २. देखिए "तार : गृहमंत्रीको ", पृष्ठ २६८ । Gandhi Heritage Portal
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/३०८
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