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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


स्वयं ही बातचीत करना चाहते थे, क्योंकि उनके आगमनका एक साम्राज्यीय महत्व था। इससे चिढ़कर जनरल हेटसॉंगने साम्राज्यीय उत्तरदायित्वपर अपना वह प्रसिद्ध भाषण दे डाला, जिसके कारण उन्हें हठात् मन्त्रिमण्डलसे हटा दिया गया। जनरल बोथाके लिए अपने सहयोगीको हटाना कोई मामूली बात न थी। उन्हें अभी हेटसॉंगवादसे निबटना बाकी है। और हमारे लिए तो इन महान जनरल या उनकी नीतिकी ओरसे आँखें मूंद लेना और भी कठिन है। अब भी वे दक्षिण आफ्रिकाकी राजनीति में एक बड़ी हस्ती हैं। स्पष्टतः वे एशियाई-विरोधी दलके उस कट्टरतम वर्गके प्रतिनिधि हैं, जो हमारे पूर्ण पृथक्करण (सॅग्रीग्रेशन) एवं राष्ट्रीय अपमानसे कम किसी भी बात से सन्तुष्ट नहीं होगा। समझौतेको अभी कानूनी रूप दिया जाना बाकी है; और जैसा कि हमने दो सप्ताह पूर्व संकेत दिया था, उसके प्रायः टूट जानेका खतरा पैदा हो गया है। विक्रेता परवाना सम्बन्धी विधान अब भी स्पष्ट ही एक शिकायतकी चीज है। प्रवासियोंके मामले में अधिकारियोंकी कार्रवाईसे अब भी भारतीय समाज क्षुब्ध है। यदि हेटसॉंगवाद विजयी होता है तो हमारे लिए बड़ा कठिन समय आनेवाला है; परन्तु यदि उसकी विजय नहीं होती तो भी बहुत सम्भावना है कि उसके एशियाई-विरोधी कार्यक्रमकी हद तक जनरल बोथा उसे ज्योंका-त्यों स्वीकार कर लें। जहाँ एक-एक मतका महत्व है वहाँ हम मताधिकारहीन लोगोंको बरतरफ कर देना बहुत ही आसान है। परन्तु, जबतक हम सत्याग्रहरूपी शक्तिशाली किन्तु निर्दोष अस्त्रसे सज्जित हैं, तबतक हम मताधिकार-विहीन भले ही हैं, स्वर-विहीन नहीं हैं।

[अंग्रेजीसे]

इंडियन ओपिनियन, १-२-१९१३