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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


श्री पेटिटने तारसे ४०० पौंड भेजे हैं और लिखा है कि इनमें आपके दिये हुए ८० पौंड भी शामिल हैं।

श्री कैलेनबैकको जस्टकी 'रिटर्न टु नेचर' पुस्तककी एक प्रति मिल गई है। यह आपको डाकसे कल भेज दी गई है। आशा है, आप इसे पढ़नेका समय निकाल सकेंगे।

क्या यह नीमहकीम जान सकता है कि उसके मरीजकी ठीक क्या हालत है और वे उन हिदायतोंपर चल रहे हैं, या नहीं, जिनके अनुसार चलनेका उन्होंने जिम्मा लिया था?

पता नहीं, आपको कांग्रेस में बाँटनेके लिए विशेषांक[१] समयपर मिल गया था या नहीं।

आपका,
मो० क० गांधी

[पुनश्चः]

क्या आप श्रीमती वॉगलके बाजारके[२] लिए कुछ कर सकते हैं? यदि आप कुछ ऐसी महिलाओंको जानते हों जो काम भेज सकें तो हम कृतज्ञ होंगे। बाजार जून में लगेगा।

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी प्रति (सी० डब्ल्यू० ९२५) से।

सौजन्य : सवेंट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी।

३४३. श्री गोखलेके भारतीय भाषण

अपने दक्षिण आफ्रिकाके सफल दौरेके बाद श्री गोखलेके भारत लौटनेपर दक्षिण आफ्रिकी भारतीयोंकी समस्या जिस तरह सामने आई है, उस तरह श्री पोलकके भारत प्रवासके समयको छोड़कर वह और कभी सामने नहीं आई थी। किन्तु श्री पोलकके भारत प्रवास-कालमें भारतीय जनता बराबर सहानुभूतिपूर्ण ही रही; उसकी दृष्टि आलोचनात्मक नहीं थी। यह एक तरहकी कमी थी। पर श्री गोखलेके बम्बई में उतरते ही एक ओर तो अभूतपूर्व स्वागत हुआ, जैसा कि 'टाइम्स' के संवाददाताने बताया है, और दूसरी ओर श्री गोखलेके कार्यकी आलोचना की गई। हमारी नम्र सम्मति में यह आलोचना जल्दबाजीसे भरी हुई और अविचारपूर्ण है। जो काम श्री गोखलेने कभी नहीं किया उसे करनेका आरोप उनपर लगाया गया और वही समझौता, जिसका दो साल पहले सभीने अनुमोदन किया था, अब निन्दनीय हो गया; क्योंकि मौकेपर आकर, जाँच-परखकर श्री गोखलेने उसके सम्बन्धमें अपने मौलिक रुखकी पुष्टि कर दी। इसीलिए जहाजसे उतरनेके तुरन्त बाद ही श्री गोखलेको अपने

  1. ट्रान्सवाल भारतीय महिला संघ द्वारा प्रेषित।
  2. देखिए "भारतीय महिलाओं द्वारा आयोजित बाजार", पृष्ठ ४४१।