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आरोग्यके सम्बन्धमें सामान्य ज्ञान [-९ ]


इस पाठशाला में अच्छी संख्या में दाखिल हुए हैं। इन बच्चोंको तमिल भाषाका उचित ज्ञान कराना सरकारका कर्तव्य है। नवनिर्मित समितिको इस सम्बन्धमें उचित आन्दोलन करनेकी जरूरत है। इस मामलेमें न्याय मिलना मुश्किल बात नहीं है। बच्चे मातृभाषाके माध्यम से शिक्षा न पायें तो उनकी शिक्षा केवल तोते-जैसी ही होती है। एक लड़का सरकारी भारतीय पाठशाला में पढ़ता था। शिक्षक उसकी मातृभाषा नहीं जानता था। लड़केको तोतेके लिए अंग्रेजी शब्द "पैरट" पढ़ाया गया था, किन्तु उसे यह ज्ञान न था कि उस शब्दका गुजराती अर्थ "पोपट" होता है। अत: जब उसे अंग्रेजी शब्दका अर्थ समझानेके लिए कहा गया तो वह नहीं बता सका। वह तो इतना ही जानता था कि "पैरट " एक प्रकारका पक्षी होता है। यहाँकी पाठशालाओं में बहुत-से भारतीय बच्चोंकी यही दशा है, क्योंकि सरकारने पद्धति ही ऐसी चला रखी है। बच्चोंको अंग्रेजी भाषाके माध्यमसे ही ज्ञान दिया जाता है। इस कारण सारी शिक्षा तोता-रटन्त ही दिखाई देती है। सभी लोगोंका ऐसा खयाल है कि जोहानिसबर्ग की पाठशाला इस दोषसे मुक्त रहेगी। इस स्थितिको निभानेका दायित्व समितिपर है।

[गुजरातीसे]

इंडियन ओपिनियन, १-३-१९१३

३५०. आरोग्यके सम्बन्धमें सामान्य ज्ञान [-९]

५. खुराक

वैसे तो हवा, पानी और खाद्य पदार्थ - तीनों ही हमारी खुराक हैं। तो भी साधारण रूपसे हम खाद्य-पदार्थोंको ही खुराक मानते हैं। और इनमें भी अनाजोंको प्रधानता देते हैं। जो गेहूँ या चावल आदि नहीं खाता, हम मानते हैं कि वह कुछ खाता ही नहीं है। सच कहें, तो सबसे पहली खुराक हवा है। उसके बिना हमारा कार्य बिलकुल नहीं चल सकता, यह हम देख चुके हैं। और पोषक तत्वके रूपमें इस खुराकका सेवन हम प्रतिक्षण किया ही करते हैं। पानीका दर्जा हवाके बाद आता है, किन्तु वह भोजनसे बढ़कर है। इसीलिए प्रकृतिने यह व्यवस्था कर रखी है कि वह भी अनाज आदिकी अपेक्षा सरलता से प्राप्त हो सके। अनाज आदिका स्थान तो तीसरा और अन्तिम दर्जेका है।

खाद्योंके विषय में लिखना जरा कठिन है। कौन-सा खाद्य लिया जाये, कब लिया जाये - इन सारे सवालोंके विषयमें प्रायः मतभेद हैं। सारे समाजोंकी प्रणालियाँ इस दिशा में जुदी-जुदी हैं। यह भी देखने में आता है कि भिन्न-भिन्न मनुष्योंपर एक ही खाद्यका भिन्न-भिन्न प्रकारका असर होता है। ऐसी स्थितिमें एक निश्चित निर्णय करना और केवल यही ठीक है, यह कह सकना कठिन ही नहीं, असम्भव है। दुनियाके