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पत्र : जे० बी० पेटिटको

बची रकमके खर्चके बारेमें एक वक्तव्य भी प्रकाशित किया जाये। चूंकि वे भारतमें मुख्य कार्यकर्ता थे और आन्दोलनसे अन्ततक उनका निकट सम्पर्क रहा, इसलिए मैंने उनसे और उनकी मार्फत आपकी समितिसे सलाह किये बिना कभी कुछ नहीं किया, उनका इरादा यह था कि हिसाबको अन्तिम रूपसे प्रकाशित करनेसे पूर्व मैं आपकी समितिसे सलाह कर लूँ। किन्तु निठुर कालने उन्हें हमसे छीन लिया, और इसलिए इसे प्रकाशित करनेमें और भी देरी हो गई तथा अब कहीं जनताके सामने इसका हिसाब पेश करना मुमकिन हो पाया है।

आयमें आपके भेजे हुए रुपयोंके सिवा मद्रास, रंगून, लन्दन और आफ्रिकाके विभिन्न भागों और सत्याग्रहियोंके स्कूल आदिसे मिली रकमें भी शामिल हैं। इस प्रकार पौंड २७,३२४-०-७ में से पौंड ८,४२४-०-७ की रकम हमें दूसरे स्थानोंसे मिली है।

रही खर्चकी बात, उसमें कुछ रकमोंके सम्बन्धमें स्पष्टीकरणकी आवश्यकता है सहायताकी मदमें करीब ३,००० पौंड खर्च हुए हैं। इस सहायताका अर्थ है सत्याग्रहियों और उनके परिवारोंको दी गई सहायता और यह खर्च तो करते रहना पड़ेगा। संघर्षमें कुछ सत्याग्रहियोंने वीरगति पाई थी; और उनकी विधवा पत्नियोंके पास निर्वाहके लिए कुछ नहीं बच रहा था।

सत्याग्रहियोंके बच्चोंको और स्वयं कुछ सत्याग्रहियोंको भी सहायताकी आवश्यकता है। फार्मके रख-रखाव और सुधारका अर्थ वह खर्च है जो फीनिक्स आश्रम के सम्बन्ध- में किया गया है। श्री कैलेनबैकके टॉल्स्टॉय फार्मसे सत्याग्रहियोंको हटाकर यहाँ लानेके बाद इस आश्रमको सत्याग्रह फार्मका नाम दिया गया था। फीनिक्स आश्रममें १०० एकड़ जमीन है। यह् 'इंडियन ओपिनियत 'के छापेखानेके लिए खरीदी गई थी । यद्यपि कुछ वर्षोंतक इसपर कानूनी स्वामित्व मेरा रहा था; किन्तु मैंने उस सम्पत्तिका व्यक्तिगत उपयोग कभी नहीं किया। किन्तु संघर्षके दिनोंमें मैंने इसका कानूनी स्वामित्व छोड़ दिया और अब इसपर न्यासियोंका अधिकार है, जो पंजीकृत किये हुए न्यास- पत्रके अनुसार इसका उपयोग सार्वजनिक उद्देश्योंके लिए करेंगे। यह सम्पत्ति अब भी सत्याग्रहियों या उनके परिवारोंके रहनेके काम आ रही है। आश्रमके लोगोंको, जो वहाँ रहते हैं, कोई मजदूरी नहीं दी जाती; बल्कि वे 'इंडियन ओपिनियन' और अन्य साधनोंकी आय में से अपने निर्वाह-भरके लिए रुपया ले लेते हैं। अखबार न तो कभी स्वावलम्बी रहा है और न हो सकता है। इसका अंग्रेजी विभाग मुख्यतः यूरोपीय लोगोंको जानकारी देनेके लिए है और वह उनमें निःशुल्क भेजा जाता है। यह सत्या- ग्रहके शस्त्रागारमें एक शक्तिशाली शस्त्र था, और अब भी वह हमारे दक्षिण आफ्रिकी भारतीय भाइयोंके विषयमें तथ्यों और सत्याग्रह आन्दोलनकी ठीक-ठीक जानकारी देने- वाला एकमात्र अखबार है। इसे किसी भी अर्थमें व्यावसायिक उद्योग नहीं कहा जा सकता। आश्रमको सहायताकी आवश्यकता अब भी होगी।

१. यहाँ प्रकाशित पत्रमें यह जोड़ा गया है : “इनके लिए अब भी खच करना पड़ेगा "।

२. इसके बाद दो वाक्य प्रकाशित पत्रमें से निकाल दिये गये हैं।

३. प्रकाशित पत्रमें यह वाक्य इस प्रकार है: जिस सहायताका उल्लेख ब्यौरेमें किया गया है वह सहायता आश्रमको ही दी गई है।