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५. भाषण : बम्बईके सार्वजनिक स्वागत समारोहमें

जनवरी १२, १९१५

जनवरी १२, १९१५ को माउंट पेटिटमें बम्बईके गण्यमान्य लोगोंकी ओरसे गांधीजी और श्रीमती कस्तूरबा गांधीका सार्वजनिक स्वागत किया गया। इसमें ६०० से अधिक प्रमुख नागरिक उपस्थित थे, जिनमें कुछ यूरोपीय थे। माननीय सर फीरोजशाह मेहतान अध्यक्षता करते हुए अतिथियोंका हार्दिक स्वागत किया।

शुभकामनाके आपानकका उत्तर देते हुए श्री गांधीने कहा कि मैं नहीं जानता कि आज इस समय मेरे अन्तस्तलमें जो भाव उमड़ रहे हैं, उनको प्रकट करनेके लिए मुझे ठीक शब्द मिलेंगे या नहीं। मुझे लगता था कि दक्षिण आफ्रिकामें अपने देश- वासियोंके बीच मुझे घरेलूपनकी जैसी अनुभूति होती थी, उससे अधिक अपनी मातृभूमिमें होगी। किन्तु हमने बम्बईमें जो तीन दिन बिताये हैं, उनमें हमने यह अनुभव किया है--और मेरा खयाल है कि मैं यह कहकर अपनी पत्नीके भाव भी व्यक्त कर रहा हुँ--कि हमें उन गिरमिटिया लोगोंके बीच, जो भारतके सच्चे सपूत हैं, इससे अधिक घरेलूपनकी अनुभूति होती थी। हमें लगता है कि हम यहाँ बम्बईमें सचमुच अजनबियोंके साथ रह रहे हैं, और इससे मुझे किसी महान् अंग्रेजकी कही हुई एक बात याद आ जाती है। उसने मुझसे कहा था...

मैंने जो कुछ किया है, वह अपने कर्त्तव्यका पालन-भर किया है, उससे अधिक कुछ नहीं है; और यह देखना अभी शेष है कि मैं अपने कर्त्तव्यका पालन करनेमें कहाँ- तक सफल हुआ हूँ। यह केवल जबानी जमा-खर्च नहीं है ? आप विश्वास कीजिए कि मेरे भाव ये ही हैं। मेरे गुरुजनोंने मेरे लिए जो-कुछ किया है, राजनैतिक नेताओंने मेरे लिए जो-कुछ किया है, और सर फीरोजशाह मेहताने मेरे लिए जो-कुछ किया है उस सबके लिए मैं हृदयसे कृतज्ञ हूँ। मैं ऐसी अनेक घटनाएँ याद कर सकता हूँ जब मेरे निराशाके क्षणोंमें फीरोजशाह मेहताने मुझे सान्त्वना और प्रोत्साहन दिया था । में तब एक युवक बैरिस्टर था और मेरे पास मुकदमे नहीं आते थे । मुझे अपने देशके कई अन्य प्रमुख लोगोंसे भी निर्देश, मार्गदर्शन और परामर्श प्राप्त करनेका सौभाग्य मिला है; और उन्होंने मुझे जो-कुछ करनेके लिए कहा है, यदि में वह सब न करूँ तो क्या यह मेरी कृतघ्नता न होगी ? मैंने आज प्रातःकाल भारतके पितामह श्री

१. (१८४५-१९१५), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके संस्थापकों में से एक; १८९० और १९०९ के कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष; देखिए खण्ड १, पृष्ठ ३९५ ।

२. मूल अंग्रेजी वाक्यांश इस प्रकार है : “ ड्यूटी वुड बी मेरिटेड ऐट दि लास्ट; " किन्तु संदर्भ में इसका अर्थ ठीक नहीं बैठता । अतः इसका अनुवाद यहाँ नहीं दिया जा रहा है ।