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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

यात्री लोग जहाँ चाहे थूक दिया करते थे। जिस डेकपर वे लोग थे उसके फर्शको कभी धोया नहीं जाता था।

मुझे यक़ीन है, आपकी-जैसी प्रसिद्ध कम्पनी यह नहीं चाहती कि उसके डेक श्रेणी के मुसाफिरोंके साथ उपर्युक्त ढंगका व्यवहार किया जाये । आपसे निवेदन है कि इस पत्रको उचित कार्रवाईके लिए सम्बन्धित विभागको भेज देनेकी कृपा करें।


अगले सप्ताह मेरे कलकत्ते लौटनेकी सम्भावना है। क्या मैं आशा करूँ कि उस अवसरपर मुझे और मेरे साथियोंके अलावा अन्य यात्रियोंको भी स्वच्छता सम्बन्धी वे सामान्य सुविधाएँ मिल सकेंगी जो हर इन्सानको मिलनी चाहिए।

आपका विश्वस्त,

गांधीजी के स्वाक्षरों में मूल अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ६१६७) की फोटो-नकलसे।

४७. रंगूनमें भेंट

[मार्च २२, १९१५ से पूर्व]

रंगूनसे एक संवाददाता २२ मार्चकी तारीख देकर लिखता है:

जब मैंने श्री गांधीसे एक स्थानीय समाचारपत्रके लिए मुलाकात देनेको कहा तब उन्होंने इस सम्बन्ध में कुछ भी सुननसे इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं दक्षिण आफ्रिकासे अभी हाल ही में लौटा हूँ । भारतकी समस्याओंपर जितने अध्ययनको जरूरत है, उतना में नहीं कर पाया हूँ । इसलिए मुझसे यह आशा नहीं की जानी चाहिए कि भारतीय मामलोंके बारेमें मैं थोड़े भी अधिकारके साथ कुछ कह सकूँगा | फिलहाल में स्वर्गीय श्री गोखलेके आदेशानुसार देशको समस्याओंके अध्ययनमें लगा हुआ हूँ। मैं अपना यह अध्ययन समाप्त कर लेनेके पश्चात् ही "मुलाकात देनेकी स्थिति" में होऊँगाजेड-उससे पूर्व नहीं।

किन्तु, मैंने उन्हें विश्वास दिलाया कि में सामाजिक विषयोंके सम्बन्धमें उनके विचार नहीं जानना चाहता। मैंने उन्हें बताया कि मैं एक तमिल- समाचारपत्रका प्रतिनिधि हूँ; में स्वयं एक तमिल हूँ और मैं आपसे केवल इतना ही जानना चाहता हूँ कि तमिल-समाजके लोगों के बारेमें, जिनके सम्पर्कमें आप दक्षिण आफ्रिकामें बहुधा आये होंगे, आपके क्या विचार हैं। यह सुनने के बाद उन्हें बड़ी राहत-सी मिली, और उन्होंने बिना रुके किसी ऐसे व्यक्तिकी भांति, जिसने पहलेसे ही अन्तिम रूपसे तय कर रखा हो कि उसे उस विषयमें क्या कहना है, तमिल लोगोंका गुण-गान प्रारम्भ कर दिया।

उन्होंने कहा कि तमिल लोगोंने दक्षिण आफ्रिकामें जो उत्तम कार्य किया है, उसका तो में विस्तृत विवरण प्रस्तुत कर सकता हूँ | सत्याग्रह संघर्षके दौरान मुझे सबसे अधिक सहायता तमिल लोगोंसे ही मिली। यों तो भारतीय समाजके सभी वर्गोंने मेरा बहुत