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५१. भाषण : मद्रास पहुँचनेपर

अप्रैल १७, १९१५

श्री और श्रीमती गांधी पिछले शनिवारकी शाम दिल्ली एक्सप्रेसमें हरिद्वारसे मद्रास आये । ... लोगोंको थोड़ी निराशा हुई । जब गाड़ी आई तो उन्होंने पहले और दूसरे दर्जेके सब डिब्बे देख डाले; किन्तु श्री गांधी उन्हें दिखाई नहीं दिये। सबने सोचा कि शायद वे आये ही नहीं हैं। तभी उन्हें गार्डने बताया कि वे गाड़ीके एक पिछले डिब्बेमें हैं। बहुत देर तक खोजनेपर आखिरकार वे तीसरे दर्जेके एक डिब्बेमें बैठे मिल गये । श्री गांधी दुबले और कमजोर दिखाई दे रहे थे। वे एक ढीली-सी कमीज और पायजामा पहने थे जो चार दिनकी यात्रामें मैले हो गये थे। लोग लपककर उस डिब्बेकी ओर बढ़े, भीड़ इतनी ज्यादा थी कि वहाँ उपस्थित लग- भग एक दर्जन पुलिसके सिपाही उसे सँभाल न सके । अन्तमें वे भीड़को उसकी मर्जी पर छोड़कर हट गये। ... लोग जोर-जोरसे नारे लगा रहे थे: "गांधी दम्पती चिरजीवी हों", 'हमारा वीर चिरजीवी हो”, “वन्देमातरम् ।" श्री गांधीने भीड़का अभिवादन किया। उसके बाद लोग उन्हें गाड़ीके पास ले गये। छात्र बड़ी संख्यामें आये थे। उन्होंने बग्धीमें से घोड़े खोल दिये और बग्घी खींचने के लिए स्वयं आगे आ गये। वे बग्घीको खींचकर सुनकुराम चेट्टी स्ट्रीट स्थित मैसर्स नटेसन ऐंड कं० की इमारतमें ले गये। रास्तेभर लोग उनका अभिवादन करते रहे इससे श्री और श्रीमती गांधी बग्घीमें खड़े रहे और हाथ जोड़कर लोगोंके अभिवादनका उत्तर देते रहे।

श्री गांधी जबतक मद्रासमें रहेंगे तबतक नटेसन कं० में ही ठहरेंगे। वहाँ पहुँचते ही वे फिर बग्घीमें खड़े हो गये और ऊँची स्पष्ट आवाजमें बोले : आपने मेरे प्रति जो प्रेम प्रकट किया है उसके लिए मैं आपका अत्यन्त आभारी हूँ। मैं चार दिन लगातार सफर करने के बाद बहुत थक गया हूँ; इसीलिए अब इस समय आपसे छुट्टी लेना चाहता हूँ। किन्तु मैं जबतक यहाँ हूँ तबतक रोज दिनमें तीन और पाँच बजेके बीच आप मुझसे मिल सकते हैं और सार्वजनिक हितके प्रश्नोंपर बातचीत कर सकते हैं।

श्री गांधी और उनकी पत्नी मद्रासमें एक पखवाड़े तक ठहरेंगे। अधिकांश दक्षिण आफ्रिकी प्रवासी भारतीय जहाँके निवासी हैं श्री गांधी दक्षिणके उन स्थानोंमें जाना चाहते हैं; ताकि वे वहाँ उन सत्याग्रहियोंसे मिल सकें जो लौटकर भारतमें बस गये हैं।

[अंग्रेजीसे]
हिन्दू, १९-४-१९१५

१. मद्रासमें गांधीजी नटेसन एड कं० के स्वामी, इंडियन रिव्यू के सम्पादक और भारतीय दक्षिण आफ्रिकी संघके मन्त्री श्री जी० ए० नटेसनके मेहमान थे ।