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प्लेगके सम्बन्धमें सामान्य सुझाव

मोरीमात्र बन्द की जानी चाहिए। पेशाब और पानी भी बाल्टीमें इकट्ठा किया जाना चाहिए। यदि हम मिथ्या धर्मके भ्रममें न पड़ें तो हम एक दिन भी नरकके समान इस गन्दगीको सहन न करें। पाखानोंकी रचना ऐसी होनी चाहिए कि प्रत्येक भागमें भंगी प्रवेश कर सके। इन सुधारोंके बिना हिन्दुस्तानके नगर कभी भी छूतके रोगोंसे मुक्त नहीं हो सकते।


६. रास्तोंमें चाहे जहाँ पेशाब करने, थूकने, गोबर और अन्य कूड़ा-करकट आदि फेंकनेसे भी हवा दूषित होती है। डॉक्टरोंने खोज की है कि कुछ-एक [ऐसे] रोगी—उदाहरणके तौरपर क्षय रोगसे ग्रसित व्यक्ति रास्तेमें थूकते हैं; इससे भी क्षयके कीटाणु फैलते हैं और अन्य लोगोंको रोगकी छूत लग जाती है। हमें किन स्थानोंपर शौचादि क्रियाएँ करनी चाहिए इस बातपर हमें अवश्य विचार करना चाहिए। इस देशमें करोड़ों मनुष्य नंगे पाँव चलते हैं। इन व्यक्तियोंको मैलेके ऊपर चलना पड़े [क्या] यह अत्यन्त दुःखकी बात नहीं है। हमारी सड़कें, हमारी गलियाँ, हमारे आँगन इतने स्वच्छ होने चाहिए कि हमें वहाँ बैठना अथवा सोना पड़े तो तनिक भी हिचकिचाहट न हो।

जिन शहरोंमें अंग्रेज रहते हैं वहाँ प्लेगका भारी प्रकोप हो जानेपर भी उनकी बस्तियाँ [इससे] मुक्त रहती हैं, उसका क्या कारण है यह बात खूब विचार करने योग्य है। इसका कारण इन बस्तियोंका स्वच्छ होना ही है। और कुछ नहीं। स्वच्छता रखनेमें पैसेकी जरूरत नहीं, विवेकपूर्वक सावधानीकी आवश्यकता है।

उपचार


७. जिन शहरोंमें उपर्युक्त नियमोंका बराबर पालन किया जायेगा उन शहरोंमें प्लेगका रोग प्रवेश नहीं कर सकता। लेकिन जहाँ इसका प्रवेश हो गया हो वहाँ क्या किया जाये, अब हम इस विषयपर विचार करते हैं। पहला काम तो यह है कि जहाँ प्लेग देखने में आये वहाँ उसके कारणका पता लगायें। चूहोंकी खोज करें, मरे हुए चूहे हों तो उन्हें चिमटेसे पकड़, दूर ले जाकर घास और मिट्टीका तेल डालकर जला दें अथवा जहाँ मनुष्योंका वास न हो उस स्थानपर गहरा गड्ढा खोदकर उन्हें दबा दें। जिस स्थानसे मरे हुए चूहे मिले हों उस स्थानपर गर्म राख छिड़कनी चाहिए तथा सफेदी की जानी चाहिए। उस कमरेको तुरन्त खाली करके साफ करें और फिर नीमकी पत्तियोंका धूँआँ दें। यदि दीवारें सफेदी करने लायक हों तो उनपर सफेदी की जानी चाहिए। घरमें बिल हो तो उसमें मरे हुए चूहे तो नहीं हैं, इस बातका निश्चय करके, बिलको पाट देना चाहिए। घरमें किसी स्थानपर और बिल हों तो उनकी भी वैसी ही व्यवस्था करनी चाहिए। खिड़की और दरवाजे खुले रखे जायें तथा [घरमें] खूब उजाला और गर्मी आने दी जाय; छत यदि खपरैलसे ढकी हो तो खपरे हटा दिये जाने चाहिए जिससे हवा और उजाला प्रवेश पा सकें। घरको इस प्रकार साफ करने के बाद हम उसे छोड़ दें और यदि सम्भव हो तो खुले मैदानमें तम्बू तानकर अथवा झोपड़ी बनाकर रहें। गाँवके अन्य व्यक्तियोंका स्पर्श न करें और वस्तुएँ आदि खरीदते समय भी दुकानदारके साथ सावधानीपूर्वक व्यवहार करें। इस रीतिसे यदि तुरन्त उपचार