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सम्पूर्ण गांधी वाङ‍्मय

लेकिन मुझे देर लगेगी। मेरे पास वालजीभाई[१] द्वारा किया गया अनुवाद भी है। वह देखनेके लिए तुम्हें भेजूँगा। तुम्हारे लिये नटेसनकी पुस्तक[२] भेज रहा हूँ।

तुम निश्चित होकर रहना और अपना कार्य करना। तुमपर डॉक्टरका बहुत स्नेह है। तुम हारोगे नहीं। यदि अपनी इच्छाके अनुरूप तुम कार्य नहीं कर पा रहे हो तो भी प्रामाणिक रूपसे प्रयत्न करनेवाला व्यक्ति अन्य व्यक्तियोंपर अच्छा प्रभाव डालता ही है। मेवाकी स्थिति क्या है यह भी बताना। तुम्हारी तबीयत कैसी रहती है?

मेरी प्रवृत्तियाँ बढ़ती जा रही हैं। मेरा सितारा बुलन्द है। इस बीच मेरे जो-जो आदर्श हैं उनसे देशको परिचित करानेके लिए मैं अपने आपको खपाये दे रहा हूँ।

यहाँकी स्थितिका अन्दाज महादेवभाई तुम्हें देंगे। वे अभी-अभी आये हैं लेकिन पुराने जान पड़ते हैं।

मणिलालकी फीनिक्समें बड़ी कसौटी हो रही है। उसे तथा रामदासको पत्र लिखना। रामदासने जोहानिसबर्गमें एक दर्जीके यहाँ नौकरी कर ली है। बा और देवदास मेरे साथ कलकत्ते आ रहे हैं। मैं वहाँ २० तारीख तक पहुँचूँगा।

बापूके आशीर्वाद

चि॰ मेवा,

मैं पत्र न लिखूँ तो भी तुम लिखना। तुम मेरे साथ अकेले रह सको तो मैं तुम्हें चम्पारनमें रखनेको तैयार हूँ। लेकिन यह जोखिम तुम्हारी इच्छा होनेपर ही उठाई जा सकती है। तुम फिलहाल जमनादासके साथ रहो; मैं जानता हूँ कि इससे बढ़कर अच्छी बात और कोई नहीं हो सकती।

बापूके आशीर्वाद

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती पत्र (सी॰ डब्ल्यू॰ ५७०५) से।

सौजन्य : नारणदास गांधी

 
  1. प्रोफेसर वालजी गोविन्दजी देसाई; गुजरात कॉलेज, अहमदाबादमें कुछ काल तक अंग्रेजीके प्राध्यापक; नौकरीसे त्यागपत्र देकर गांधीजोके साथ शामिल हो गये। गांधीजी कृत दक्षिण आफ्रिकाना सत्याग्रहनो इतिहास, तथा अन्य रचनाओंके अनुवादक।
  2. स्पीचेज़ ऐंड राइटिंग्ज ऑफ महात्मा गांधी।