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५२. भाषण : अखिल भारतीय समाज—सेवा सम्मेलनम[१]

कलकत्ता
दिसम्बर २७, १९१७

...अबतक कॉलेज स्क्वेयरका मैदान एक सिरेसे दूसरे सिरे तक खचाखच भर गया था; श्री गांधी उस एकत्रित जनसमूहके समक्ष हिन्दीमें बोले। उन्होंने कहा कि "सम्मेलनके प्रस्तावित कार्यक्रमको कार्यान्वित करना सम्भव नहीं रह गया है; इसलिए अब किसी और समय किसी अन्य स्थानपर कार्यान्वित किया जायेगा।" कार्यक्रम स्थगित करनेकी घोषणा श्री विपिनचन्द्र पालने की। ठीक उसी समय श्रीमती बेसेंट, माननीय सी॰ पी॰ रामस्वामी ऐयर और डॉ॰ वाडिया आ पहुँचे; परन्तु उनका कॉलेज स्क्वेयरमें अथवा इन्स्टीच्यूट हॉलके अन्दर पहुँचना असम्भव हो गया था।

[अंग्रेजीसे]
बंगाली, २८-१२-१९१७

५३. भेंट : 'बंगाली' के प्रतिनिधिको[२]

कलकत्ता
दिसम्बर २७, १९१७

भेंट देते हुए गांधीजीने 'बंगाली' के प्रतिनिधिसे कहा कि मैं तो पूर्ण रूपसे इस बातके पक्षमें हूँ कि यह सम्मेलन कांग्रेस अधिवेशनके समाप्त होते ही उसी पंडालमें किया जाये। विभिन्न दरोंपर बेची जानेवाली टिकटों द्वारा प्रवेश सीमित होना चाहिए। टिकटोंकी बिक्रीसे जो आय हो उसे समाज-सेवाके निमित्त रख दिया जाना चाहिए।

[अंग्रेजीसे]
बंगाली, २८-१२-१९१७
 
  1. यह सम्मेलन २७ दिसम्बरको कलकत्ता विश्वविद्यालयके इन्स्टीच्यूट हॉलमें होनेवाला था; परन्तु गांधीजी तथा अन्य लोगोंका व्याख्यान सुननेके लिए आये हुए अपार जनसमूहको बैठनेकी जगह दे सकनेकी कठिनाईके कारण सम्मेलन स्थगित करना पड़ा था। गांधीजीने अपना भाषण कॉलेज स्क्वेयरमें दिया।
  2. समाज-सेवा सम्मेलनके स्थगित किये जानेके बाद (देखिए पिछला शीर्षक); गांधीजीने बंगालीके प्रतिनिधिको जो भेंट दी थी, उसका संक्षिप्त विवरण ही उपलब्ध है।