पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/२९८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

१९३. पत्र : अखबारोंको[१]

नडियाद
मार्च २७, १९१८

सम्पादक
'लीडर'
इलाहाबाद
महोदय,

मैं समझता हूँ कि मुझे अपने हालके उपवासके सम्बन्धमें जनताके सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। कुछ मित्र मेरे इस कार्यको मूर्खतापूर्ण समझते हैं, कुछ इसमें नामर्दी देखते हैं, और दूसरे कई इसे उससे भी खराब समझते हैं। लेकिन मैं यह मानता हूँ कि अगर मैंने यह कदम न उठाया होता, तो मैं अपने सिरजनहारके प्रति और मैंने जिसका संकल्प किया है उस उद्देश्यके प्रति सच्चा सिद्ध नहीं होता ।

कोई एक महीने पहले में बम्बई गया था । वहाँ मुझसे कहा गया था कि अहमदाबाद के मिल मजदूरोंने धमकी दी थी कि यदि महामारीके दिनों उनको मिलनेवाला बोनस बन्द किया गया तो वे हड़ताल और हिंसाका मार्ग अपनायेंगे। मुझे मध्यस्थ बनने को कहा गया और मैंने मंजूर कर लिया। पिछले अगस्त महीने से मजदूरोंको महामारीके कारण ७० फीसदी तक बोनस मिल रहा था। इस बोनसको बन्द करनेकी कोशिशके कारण मजदूरोंमें भारी असन्तोष फैला । मिल मालिकोंने महामारीके कारण दिये जानेवाले बोनसके बदले और बढ़ी हुई मँहगाईके कारणसे उनकी मजदूरीमें २० फीसदी इजाफा कर देनेकी बात बहुत देरसे कही । परन्तु मजदूरोंको इससे सन्तोष न हुआ । सारा सवाल पंचके सुपुर्द किया गया और अहमदाबादके कलक्टर मि० चैटफील्ड सरपंच नियुक्त किये गये । इसपर भी कुछ मिलोंमें मजदूरोंने हड़ताल कर दी । मालिकोंने सोचा कि मजदूरोंने यह सब बिना किसी उचित कारणके किया है, इसलिए उन्होंने पंच प्रस्ताव वापस ले लिया और तालेबन्दीका ऐलान कर दिया। उन्होंने यह भी तय कर लिया कि जिस २० फीसदी इजाफेका ऐलान उन्होंने किया है, जबतक मजदूर उसको मंजूर करनेके लिए हारकर विवश नहीं हो जाते, तबतक तालेबन्दी जारी रखी जाये। मजदूरोंकी ओरसे भाई शंकरलाल बैंकर, भाई वल्लभभाई पटेल और में पंच नियुक्त किये गये थे । हमने देखा कि अगर हम तुरन्त और मजबूती के साथ कोई कदम नहीं उठायेंगे तो मजदूर दबा दिये जायेंगे। इसलिए हमने इजाफेके सिलसिलेमें जाँच शुरू की। हमने मिल- मालिकोंकी सहायता पानेकी कोशिश की, किन्तु उन्होंने हमें कोई सहायता न दी। उनका मंशा यही था कि मिल मालिकोंका एक ऐसा संयुक्त संगठन तैयार कर लिया जाये जो

 
  1. स्पष्ट ही यह पत्र लगभग सभी समाचारपत्रोंको भेजा गया था । इसे मद्रासके हिन्दू और इलाहावादके लीडरने प्रकाशित किया था ।