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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

अत्यन्त कष्टसाध्य प्रयास रहता है जिसकी पीड़ा जैसे-तैसे ही सहन कर पाता हूँ। मेरे खयालसे प्रसूतिकी पीड़ा कुछ ऐसी ही होती होगी।

मैं भाई देसाईसे कह रहा हूँ कि तुम्हें ब्यौरेवार पत्र लिख दें।

[हृदयसे तुम्हारा,
मो० क० गांधी]

[अंग्रेजीसे]

महादेव देसाईकी हस्तलिखित डायरीसे।

सौजन्य: नारायण देसाई

 

२२१. पत्र: हरिहर शर्माको[१]

[नडियाद]
अप्रैल १०, १९१८

भाईश्री अन्ना,

तुम्हारे पत्रको पाकर मैं अत्यन्त प्रसन्न हुआ। यह जानकर बहुत बड़ा आश्चर्य हुआ कि मैं तुम्हारे चित्तसे कभी दूर नहीं होता। तुम, गोमतीबेन और तुम्हारी पसन्दका कोई तीसरा व्यक्ति―बस और क्या चाहिए? शेष बातोंके बारेमें महादेव तुम्हें लिखेंगे।

मोहनदासके वन्देमातरम्

[गुजरातीसे]
महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ४
 

२२२. भाषण: अकलाचामें

अप्रैल १०, १९१८

यहाँ कुछ लड़कोंके पास झंडे हैं। मैं देखता हूँ कि इनमें एक झंडा वह भी है जिसे अहमदाबादमें मिल-मजदूरोंने फहराया था और जिसमें “एक टेक” शब्द लिखे हैं। इस झंडेको फहरानेका अधिकार तो उन्हींको है जिनके हृदयोंमें “एक टेक” शब्द अंकित हो गये हैं।

इस समय खेड़ा जिले पर समस्त भारतकी दृष्टि जमी हुई है। यदि इस लड़ाई में खेड़ा जिला हार गया तो यह समझना चाहिए कि भारतके लोग फिर बहुत समयतक उठ न सकेंगे। कार्य आरम्भ करने से पूर्व विचार करनेमें बुद्धिमानी है। किन्तु यदि बादमें

  1. गंगानाथ विद्यालय, बड़ौदाके अध्यापक। वे १९१५ से आश्रम में रहने लगे थे।