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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


आशा है कि परमश्रेष्ठ इस वृहद् सभाकी माँगको स्वीकार करेंगे, परन्तु यदि वे अभी ऐसा न कर पायें, और वाइसराय भी इसमें असफल हों तो कमसे-कम मैं तो आशा करूँगा कि वे खुद अपनी मरजीसे निकट भविष्यमें होमरूल लीगसे क्षमा याचना कर लेंगे, क्योंकि मैं अच्छी तरह जानता हूँ कि इन लीगोंका मंशा युद्ध-संचालनमें सहयोग देनेका है। और जब वे यह समझ लेंगे तब वे अपनी गलतीको मान लेंगे और चूँकि वे सज्जन हैं, इसलिए सज्जनकी तरह ही क्षमायाचना कर लेंगे। इसमें कठिनाइयाँ जरूर हैं परन्तु उनमें से बहुतसी खुद सरकारकी ही पैदा की हुई हैं। इस प्रकार लोकमतकी उपेक्षा करने और रंगरूट उपलब्ध करनेके सम्बन्धमें, जो हम दोनोंका संयुक्त उद्देश्य है, दी गई हमारी विनम्र सलाहको ठुकरानेके कारण हमारा काम पूरा होना लगभग असम्भव हो गया है; परन्तु हमारा कर्तव्य तो स्पष्ट है। इन तथा अन्य अनेक कठिनाइयोंसे परास्त न होते हुए, हमें आगे बढ़ते जाना चाहिए और व्यवहारतः यह सिद्ध करते हुए कि लोगोंकी इच्छाको सतत ठुकराते रहकर सरकार साम्राज्यको कितनी बड़ी हानि पहुँचा रही है, हमें अपनी सम्मतिके प्रति उसकी उपेक्षा दूर कर देनी चाहिए। इसलिए मैं दूसरे प्रस्तावको जो आपके समक्ष आनेवाला है इस रूपमें नहीं देखता कि उसमें हमारे सहयोग की शर्तें बताई गयी हैं बल्कि हमारे मार्गकी कठिनाइयोंके विवरण के रूप में देखता हूँ। हम अपने लक्ष्यको केवल दो ही तरीकोंसे प्राप्त कर सकते हैं― सहयोग प्रदान करके या अड़ंगा-नीतिका अनुसरण करके। ब्रिटिश संविधानमें अपने अधिकारोंको प्राप्त करनेके लिए अड़ंगा-नीतिका अनुसरण करना पूर्णतः न्याय-संगत माना गया है और वह सुपरिचित मार्ग भी है। परन्तु साम्राज्यके वर्तमान संकट-कालमें उसका परिणाम यही होगा कि सरकार, जिसपर युद्ध संचालनका उत्तरदायित्व है, क्रुद्ध हो जायेगी। और सहयोगसे हम सरकारके विरोधका ही अन्त न कर देंगे; बल्कि उससे हमारे हृदयों में उस बल और विश्वासका प्रादुर्भाव होगा जिससे हम अवश्य ही अपने लक्ष्य तक पहुँच जायेंगे। हमारे सम्मेलनका यह अवसर अपूर्व अवसर है। हम एक लोकप्रिय गवर्नरसे यह कह रहे हैं कि वह अपनी भूलोंको स्वीकार कर ले और हमारे और अपने बीचके सम्बन्ध सुधार ले। हम यह भी कह रहे हैं कि यदि हमारी शिकायत दूर न की जायेगी तो हम शपथ लेते हैं कि हम भविष्यमें, लॉर्ड विलिंग्डन जिस सार्वजनिक सभाकी अध्यक्षता करेंगे, उसमें शरीक न होंगे। यह एक गम्भीर कदम है, परन्तु मेरे विचारसे, पिछली घटनाओंको देखते हुए उचित कदम है। हमारा कदम न्याययुक्त है यह हमारे भावी व्यवहारसे अर्थात् सहयोगके दृढ़ प्रयास द्वारा गवर्नरके आरोपोंको गलत बताने से प्रमाणित होगा।

मैं देखता हूँ कि आज ‘होमरूल दिवस’ मनाया जा रहा है। होमरूल लीगके सदस्योंके लिए यह दिवस एक गंभीर चिन्तनका दिवस है या होना चाहिए। लॉर्ड विलिंग्डनने होमरूल लीगके सदस्यों और होमरूलरों [होमरूलके आकांक्षियों] के बीच अन्तर बतलाया है। मेरी कल्पनामें ऐसा कोई भी भारतीय नहीं हो सकता जो होमरूलर न हो; परन्तु लाखों ऐसे होंगे―जैसा कि मैं हूँ जो―होमरूल लीगके सदस्य नहीं हैं। यद्यपि में किसी होमरूल लीगका सदस्य नहीं हूँ, फिर भी आज इस शुभ दिवस पर मैं होमरूल लीगके असंख्य सदस्योंकी प्रशंसा किये बिना नहीं रह सकता जिनका