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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

लिए सेनामें भरती होना उत्तम है। हम इस समय इस सभाको भरतीकी सभामें बदलना नहीं चाहते; लेकिन जब ऐसी सभा की जाये तब हमें अपने कर्त्तव्यका पालन करनेमें पीछे नहीं हटना चाहिए।

[गुजरातीसे]
प्रजाबन्धु, ३०-६-१९१८
 

३१३. भाषण: रासमें[१]

जून २६, १९१८

गांधीजीने कहा: मैं यहाँपर इसलिए नहीं आया हूँ कि किसीको भरती होनेके लिए विवश करूँ। अहिंसा-धर्मके पालनमें प्रयत्नशील व्यक्ति होने के नाते मैं आप लोगोंको बल-प्रयोग द्वारा विवश नहीं कर सकता; मैं तो आप लोगोंको प्रेमकी शक्तिसे, और देशानुरागके भावोंको जगाकर तथा सच्चे स्वार्थकी वृत्ति पैदा करके सेनामें भरती होनेके लिए विवश करूँगा। मैं आप लोगोंको सेनामें भरती होनेकी सलाह देने आया हूँ। यह सलाह मैंने स्वयंपर भी लागू की है। मैंने अपने लड़केको भी, जो कि विवाहित है और पाँच बच्चोंका पिता है, यही सलाह दी है। उन्होंने आगे कहा:

स्वेच्छापूर्वक सेनामें भरती होना ही स्वराज्यकी कुंजी है और हमें मनुष्यत्व और सम्मान दिलानेवाली है। सेनाकी भरतीके साथ ही साथ स्त्रियोंकी प्रतिष्ठाका प्रश्न भी सम्मिलित है। आजके दिन हम अपनी गृह-लक्ष्मियों और सन्तानोंकी जंगली पशुओंसे भी रक्षा करने में समर्थ नहीं हैं। आत्म-रक्षाकी शक्ति प्राप्त करनेका सबसे सुगम उपाय यही है कि लोग सेनामें भरती हों। कुछ लोग पूछेंगे कि “फ्रांसमें जाकर प्राण देनेकी क्या आवश्यकता है?” परन्तु फ्रांसमें जाकर प्राण देनेसे भी एक अर्थ सिद्ध होता है। जब हम अपने प्रियजनोंको युद्ध-भूमिमें भेजेंगे तब जो साहस और शौर्य लेकर वे लौटेंगे वह गाँवोंकी कायापलट कर देगा। जो सैनिक-शिक्षा हम आज प्राप्त कर सकते हैं वह शायद हमें फिर कभी नहीं मिल सकती।

श्री गांधीने धरल, वाघरी और पाटीदारोंका उल्लेख करते हुए कहा कि इन सबोंमें क्षत्रियोचित गुण समान रूपसे वर्तमान हैं। उन्होंने इन तीनों जातियोंके लोगोंसे कहा कि वे अपनी जो शक्ति और शौर्य पारस्परिक झगड़ोंमें लगाते रहे हैं उसे अपनी मातृभूमिकी रक्षामें लगायें।

यह मानकर कि एक गाँव की आबादी एक हजार है, हमें प्रत्येक गाँवसे बीस-बीस रंगरूट लेने चाहिए, अर्थात् प्रति १०० आदमियोंमें से २ आदमी। सौ आदमियोंमें से दो आदमी क्या चीज हैं? हैजे तथा अन्यान्य रोगोंसे प्रतिवर्ष कितने आदमी मरते हैं? ये मरनेवाले

  1. यह भाषण गुजरातमें बोरसद जिलेके रास नामक गाँवमें गांधीजीने सेना में भरती होनेकी आवश्यकता बताते हुए दिया था।