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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

उसकी आकांक्षा है, आज भारी खतरेमें है और उसके इस संकट-कालमें भारतका उसकी सहायताके प्रति उदासीन रहना शोभाजनक नहीं है। यह दलील व्यर्थ है कि जिस सरकारने हमारे प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई वह सरकार हमारी सहायताकी अधिकारिणी नहीं है, क्योंकि सरकारकी सहायता करना अपनी ही सहायता करना है। इस समय भारत भी घोर संकटमें है। अंग्रजोंके बिना भारत कहींका न रहेगा। यदि इस युद्धमें अंग्रेजोंकी जीत नहीं होती तो हम बराबरीका हक किससे माँगेंगे? क्या हम उसे विजेता जर्मनोंसे माँगेंगे या तुर्कोंसे या अफगानोंसे माँगेंगे? हमें ऐसा करनेका कोई अधिकार न होगा। विजयी राष्ट्रका ध्यान हारे हुए लोगोंपर कर लगाने, उन्हें दबाने, तंग करने और उनपर जुल्म ढानेकी ओर जायेगा। ऐसा राष्ट्र अपनी स्थितिको सुदृढ़ कर लेनेपर ही हमारी माँगोंकी ओर ध्यान देगा; इसके प्रतिकूल स्वतन्त्रताप्रिय अंग्रेज जब यह देख लेंगे कि हमने उनके लिए अपनी जानें दी हैं, तब वे निश्चय ही झुकेंगे। हमें इस खयालसे रुके न रहना चाहिए कि हम सबके युद्धमें चले जानेपर हमारे घर-बार, खेत-खलिहान, गाय-बैल―सब बर्बाद हो जायेंगे। हमारे बड़े-बूढ़े उनकी देखभाल करेंगे। उन्हें उनकी देखभाल स्वभावतः करनी ही चाहिए, और इससे हम बहुत कुछ सीखेंगे। हममें से प्रत्येकको केवल एक ही बात सोचनी चाहिए। किसीकी यह जुर्रत न हो कि वह हमारे मुल्कपर हमला करे। अगर करे तो यहाँसे कुछ ले न जा सके। यदि ले भी जाये तो देशकी रक्षाके निमित्त लड़ाईमें काम आये हुए मेरी मृत देहको ही।

भाषणको समाप्त करते हुए उन्होंने इस बातको फिर दुहराया कि फौजमें भरती होना स्वशासनका सबसे सीधा और अचूक मार्ग है। उन्होंने करमसदके बहादुर लोगोंसे जिन्होंने खेड़ा आन्दोलनके दिनोंमें बहुत अच्छा काम किया था, कहा कि वे कमसे-कम सौ आदमी लड़ाईमें जरूर भेजें।

[अंग्रेजीसे]
बॉम्बे क्रॉनिकल, २७-७-१९१८
 

३४४. पत्र: हनुमन्तरावको

जुलाई १७, १९१८

[प्रिय हनुमन्तराव,]

बहुत समयसे तुम्हें पत्र लिखनेका विचार कर रहा हूँ, किन्तु फौजी भरतीके सिल-सिलेमें दौड़-धूपके कारण मेरे पत्र-व्यवहारमें बहुत बाधा पड़ी है। आज छुट्टीका दिन है और मैंने चिट्ठियाँ लिखनेका निश्चय किया है। तुमने देवदासके लिए जो-कुछ किया है और जो-कुछ कर रहे हो, उसके लिए मैं अन्तःकरणसे तुम्हारा आभार मानता हूँ। देवदास अपने हर पत्रमें अपने प्रति तुम्हारे प्रेमके बारेमें लिखता है। वह कहता है कि उसकी बीमारी में तुमने सच्चे मित्रका काम दिया है। अब मैं तमिल सीखनेके लिए हिन्दी उम्मीदवारोंको चुनूँगा।