पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/५५६

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परिशिष्ट ६

ई० एल० एल० हैमंडका पत्र मो० क० गांधीको

शिविर पटना
दिसम्बर १३, १९१७

प्रिय श्री गांधी,

शायद आपको स्मरण होगा कि आपने रांचीमें चम्पारनसे मेसोपोटामियामें सेवाके लिए एक मजदूर टुकड़ी भरती कर सकने की बात की थी। उस समय में यह समझा था कि आप अपनी ही कमानके अधीन सेनाका सामान ढोनेवाली एक टुकड़ी खड़ी करना चाहते हैं। बहरहाल, मुझे बताया गया है कि आप एक मजदूर-टुकड़ी खड़ी करनेको राजी हैं। कृपया मुझे सूचित करें कि क्या यह ठीक है। कृपया यह भी लिखें कि क्या आप अब भी टुकड़ी खड़ी करनेको राजी हैं। यदि इस सम्बन्धमें आपकी कोई शर्तें हों तो उन्हें भी सूचित कीजिये। यदि आप चाहते हैं कि कोई टुकड़ी जो आप बनायें वह मौजूदा यूनिटोंका अंग न हो वरन् एक स्वतन्त्र आत्मनिर्भर टुकड़ी हो तो मुझे आर्मी हेड क्वार्ट्सको लिखना जरूरी होगा। लेकिन यदि आप स्वयं न जाना चाहते हों वैसी दशामें यदि आप गयाके रेलवे ट्रेनिंग डिपोके लिए, जहाँ हमें ५०० आदमी प्रति माह चाहिए, आदमी दिलवाने में सहायता कर सकें तो हम आभारी होंगे। कृपया अपना उत्तर मुझे रांची के पतेपर दीजिए।

हृदयसे आपका,
ई० एल० एल० हैमंड

सिलैक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन
 

परिशिष्ट ७

ई० एल० एल० हैमंडका पत्र मो० क० गांधीको

रांची
दिसम्बर १८, १९१७

प्रिय श्री गांधी,

आपके १५ तारीखके पत्रके लिए धन्यवाद। मैं यहाँ हमारी क्या आवश्यकता है सो आपको लिखकर भेज रहा हूँ; उससे आप समझ जायेंगे कि वह इस समय वर्तमान दलोंमें भरती तक ही सीमित है। नया मजदूर-दल खड़ा करनेका अभी कोई इरादा नहीं है।