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परिशिष्ट १०

बिहार बागान मालिक संघका स्मृतिपत्र[१]

जनवरी ५, १९१८

इन सदस्योंकी रायमें चम्पारन खेतीबारी विधेयक निम्न कारणोंसे अनावश्यक और अवांछनीय है:―

(क) क्योंकि यह एक ऐसी जांच-समितिकी सिफारिशोंपर आधारित है जो निश्चय ही चम्पारनके बाहरसे संगठित किये गये एक कृत्रिम आन्दोलनको शान्त करनेके लिए नियुक्त की गई थी, न कि किसी बहुव्यापक शिकायतोंके परिणामस्वरूप। यह दिखाया जा चुका है कि समितिने सम्पूर्ण चम्पारनकी भूमि-व्यवस्थाकी कोई गहरी जाँच नहीं की, बल्कि नीलवाली और ठेकेवाली कुछ जमींदारियों, जिनका पट्टा उन्हें कोर्ट ऑफ वार्ड्ससे मिला हुआ था, की प्रबन्ध-व्यवस्थाके बारेमें सतही जाँच की थी, और सो भी एक ऐसे समयपर जब कि रैयतका दिमाग एक आन्दोलनके कारण जिसे सरकारका प्रोत्साहन भी प्राप्त था, उत्तेजित था। और वह ऐसा मानने लगी है कि यह आन्दोलन काश्तकारों के लिए सतयुग ले आयेगा। इसके अलावा, यह भी दिखाया जा चुका है कि इस समितिका मंशा एक ऐसी रिपोर्ट तैयार करना था जिसपर उसके एक सदस्य महोदय, जो उपर्युक्त आन्दोलनके नेता हैं, हस्ताक्षर करनेको राजी हो जायें। मामलेके पूरे और सच्चे तथ्योंको प्रस्तुत करनेकी इच्छासे यह रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है।

बिहार और उड़ीसाकी वर्तमान सरकार और उसकी पूर्ववर्ती सरकारें उन तमाम तफसीलोंसे परिचित हैं जिनका जिक्र समितिकी रिपोर्टमें किया गया है। रिपोर्टमें न कोई नये तथ्य प्रस्तुत किये गये हैं, न सर्वसामान्य स्थितिपर कोई नई रोशनी डाली गई है। न उसने यह आवश्यक माना कि कोई विशेष कानून बनाया जाना चाहिए।

इस समितिने जैसी असन्तोषजनक और पक्षपातपूर्ण जाँच की, उसके फलस्वरूप उसे जो सूचनाएँ प्राप्त हुईं वे जिलेकी सही सर्वसामान्य स्थितिपर प्रकाश डालनेकी दृष्टि से अपर्याप्त थीं। यह तथ्य, तथा समिति पक्षपातपूर्ण रुख और एक शरारती आन्दोलनकारी को हर कीमतपर, यहाँतक कि जरूरत पड़नेपर सरकारी नियन्त्रणमें जमा ट्रस्ट फण्डकी रकमका दुरुपयोग तक करके सन्तुष्ट करनेकी उत्सुकता, इन तीनों बातोंके चलते यह रिपोर्ट और उसमें जो सिफारिशें की गई हैं वे इतनी एकतरफा और अनुचित हैं कि उन्हें कोई महत्त्व नहीं देना चाहिए और यह विधेयक, जो साफ तौरपर उन सिफारिशोंपर आधारित है, बिलकुल वापस ले लेना चाहिए।

(ख) क्योंकि यह एक खास जिलेपर लागू होनेवाला विद्वेषपूर्ण और अनावश्यक कानून बनाता है।

 
  1. राजस्व मण्डलने यह ज्ञापिका बिहार-उड़ीसा सरकारके राजस्व विभाग के सचिवको भेज दी थी।