पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/५७४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
५४२
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
करें और विधवाओंको कातना और बुनना सीखने के लिए उत्साहित कर देशसेवा करें।
नवम्बर १४: डाका, चम्पारनके समीप बरहरवामें गांधीजीने स्कूलका उद्घाटन किया। बेतिया लौटे।
नवम्बर १५: बेतियाराजके प्रबन्धक जे० टी० ह्विटीसे भेंट।
नवम्बर १६: कोयरी गये; अमोलवा स्टेशन गये और पुलिस तथा मजदूरोंके बीचके मामलेकी जाँच की।
नवम्बर २०: अमोलवासे लगभग दो मील दूर, श्रीरामपुरके समीप भीतीहरवामें स्कूल खोला।
नवम्बर २२: जे० एल० मैरीमैनको सूचना दी कि वे पन्द्रह दिनके लिए चम्पारनसे बाहर जा रहे हैं और उनकी अनुपस्थितिमें बाबू ब्रजकिशोर उनका प्रतिनिधित्व करेंगे।
नवम्बर २६: दिल्ली में चैम्सफोर्ड और मॉण्टेग्युसे भेंट की।
नवम्बर २७: तिलकके साथ भेंटके बाद मॉण्टेग्युने अपनी डायरीमें लिखा: इस समय भारतमें वे कदाचित् सबसे अधिक शक्तिशाली नेता हैं और यदि वे चाहें तो युद्धमें ठोस सहायता दे सकते हैं।
नवम्बर २८: गांधीजी अलीगढ़ पहुँचे; लॉयल पुस्तकालयके मैदानमें "हिन्दू-मुस्लिम एकता” पर भाषण; बादमें अलीगढ़ कॉलेजके विद्यार्थियोंके समक्ष “सत्य और मितव्ययिता” पर भाषण; ख्वाजा अब्दुल मजीदके घर गये। रातकी गाड़ीसे कलकत्ता रवाना।
नवम्बर २९: परिषद् में चम्पारन विधेयक पेश किया गया और परिषद्ने उसे प्रवर समितिको सौंप दिया।
दिसम्बर ४-५: गांधीजीने अहमदाबादके मिल-मालिकोंसे मजदूरोंके वेतनके विषय में बातचीत की।
दिसम्बर ६: नडियादकी दशा खडायता वाडीमें “गुजरातकी कुछ समस्याओं पर भाषण।[१] प्रथम गुजरात राजनीतिक सम्मेलन और गुजरात स्त्री शिक्षा मण्डलकी बैठकोंकी अध्यक्षता की।
दिसम्बर १०: रौलट समितिके सदस्योंके नामोंकी घोषणा;
गांधीजीने ए० एच० वेस्टको पत्रमें लिखा कि वे ‘इंडियन ओपिनियन’ को डर्बन ले जाने की अपेक्षा उसका बन्द कर दिया जाना ज्यादा पसन्द करेंगे।
दिसम्बर १६: विशाल सार्वजनिक सभामें भाषण; नडियाद छोड़नेके पूर्व हिन्दू अनाथालय देखने गये।
दिसम्बर १९: बिहार और उड़ीसा सरकारके राजस्व सचिवको चम्पारन खेती-बारी विधेयकपर अपने विचार लिखकर भेजे।
दिसम्बर २६: कलकत्तमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके ३२वें अधिवेशनमें भाग लिया।
 
  1. उपलब्ध नही है।