पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 14.pdf/९७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

१६. भाषण : प्रथम गुजरात राजनीतिक परिषद् में — २

[गोधरा]
नवम्बर ४, १९१७

परिषद्की कार्रवाई शुरू करनेसे पहले गांधीजीने वीरमगाँव सीमापर ली जानेवाली चुँगी रद्द करने के सरकारके निर्णयकी घोषणा की :
वीरमगाँवमें ली जानेवाली चुंगीके सम्बन्धमें पत्र-व्यवहार चल रहा था और मैंने [कुछ समय पहले] पूछताछ की थी कि यह कर कबतक उठा दिया जायेगा। मुझे यह बताते हुआ प्रसन्नता हो रही है, यह कर उठा दिया जायेगा और इससे सम्बन्धित सरकारी प्रस्ताव, 'गजट' के आगामी अंकमें प्रकाशित कर दिया जायेगा।

श्री जिन्नाने[१] सुधारोंके लिए कांग्रेस-लीग योजना सम्बन्धी प्रस्ताव गांधीजीके अनुरोधपर[२] गुजराती में पेश किया और गांधीजीने उनको धन्यवाद देते हुए कहा :

श्री जिन्नाने मेरे सुझावको मानकर मुझपर उपकार किया है। आज वे शाही विधान परिषद्के सदस्य हैं। लेकिन कल उन्हें हिन्दू, मुसलमान, घांची[३], गोला[४] आदि अंग्रेजी न जाननेवाले लोगोंके पास मत माँगनेके लिए जाना पड़ेगा। इसलिए, यदि उन्हें गुजराती न आती हो तो उन्हें सीखनी चाहिए।

गांधीजी द्वारा इस प्रस्तावपर लोकमान्य तिलकसे बोलनेके लिए अनुरोध किये जानेपर श्री तिलक किस भाषामें बोलें, यह प्रश्न उठा। इस सम्बन्धमें अपना निर्णय देते हुए गांधीजीने कहा:

आप स्वराज्य माँगते हैं तो अपने द्वारा निर्वाचित किये गये सभाध्यक्षका कहना आपको मानना चाहिए। श्री तिलक गुजराती समझते हैं, बोल नहीं सकते। वे अपनी

 
  1. मुहम्मद अली जिन्ना (१८७९-१९४८); बैरिस्टर और राजनीतिज्ञ। पाकिस्तानके संस्थापकोंमें से एक तथा उसके प्रथम गवर्नर-जनरल।
  2. ६-११-१९१७ के बॉम्बे क्रॉनिकलमें निम्नलिखित संक्षिप्त रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी: मु॰ अ॰ जिन्नासे उस प्रस्तावको, जिसमें श्री मोण्टेग्युकी भावी यात्राके सम्बन्धमें परिषदकी ओरसे कृतज्ञता प्रकट की गई थी और हाल ही में भारत-मन्त्री द्वारा घोषित नीतिकी प्रथम किश्तके रूपमें कांग्रेस-मुस्लिम लीगकी सुधार योजनापर स्वीकृति दिये जानेकी प्रार्थना की गई थी, पेश करनेका अनुरोध करनेसे पूर्व गांधीजीने कुछ शब्द कहे जिनमें उन्होंने स्वयं श्री जिन्ना द्वारा ही प्रस्ताव पढ़े जानेके कारणोंका जिक्र किया तथा उनसे गुजरातीमें बोलनेका अनुरोध किया।
    बादमें, गांधीजीने अध्यक्ष-पदसे एक प्रस्ताव पेश किया। इसमें श्री मॉण्टेग्युसे ऐसे समय अपनी बम्बई यात्राको स्थगित करनेका अनुरोध किया जिस समय सब प्रमुख नेता शहरसे बाहर होंगे तथा उनसे कलकत्ते में होनेवाले कांग्रेस-मुस्लिम लीगके अधिवेशनमें उपस्थित होनेको प्रार्थना की।
  3. शिक्षाकी दृष्टिसे पिछड़ी जातियों के नाम।