पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/११४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
८४
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जोश पाया जाता है । मैंने जिन त्रुटियोंकी तरफ आपका ध्यान दिलाया है, उनसे बचते हुए अपने 'इंडिपेंडेंट',[१]पत्रको देशमें शक्ति और लोक-शिक्षाका एक साधन बनाइये ।

हृदयसे आपका,

[ अंग्रेजीसे ]
महादेव देसाईकी हस्तलिखित डायरीसे ।
सौजन्य : नारायण देसाई

९५. पत्र : ओ० एस० घाटको

जनवरी ३०, १९१९

आपका पत्र उदासीसे भरा हुआ है, फिर भी उसके मिलनेसे मुझे आनन्द हुआ । मैं हैरत में था कि आपका पत्र क्यों नहीं आ रहा है ? मेरा ध्यान अली बन्धुओंपर ही लगा हुआ है और सरकारी जाँचके परिणामकी प्रतीक्षा कर रहा हूँ । जबतक समितिकी रिपोर्ट सरकारको न दे दी जाये तबतक कुछ नहीं करना चाहिए। क्या जाँच पूरी हो गई ? जाँचके परिणाम स्वरूप यदि अली भाइयोंको छोड़ा नहीं गया, तो यह माना जायेगा कि अब कदम उठानेका समय आ पहुँचा है। मैं जानता हूँ कि आवश्यक कार्रवाई करनेकी जिम्मेदारी मुझपर है । मेरा स्वास्थ्य जरा भी अच्छा हो जाये, मैं कार्रवाई करनेमें क्षण-भरका भी विलम्ब नहीं करूँगा । अपने मौजूदा स्वास्थ्यको देखते हुए मेरा पक्का खयाल है कि अगर जरूरत पड़ी, तो इस कामको हाथ में लेने लायक शक्ति मुझमें महीने भरमें आ जायेगी। मेरे डॉक्टरकी यह सलाह है कि जब वे मुझे मुक्त कर दें, उसके बाद पूरे तीन महीने तक मुझे हिन्दुस्तान से बाहर आराम करना चाहिए। मगर इस कामकी खातिर में तीन महीनेका आराम छोड़ देनेको तैयार हूँ। मैं आपसे सहमत हूँ कि देशमें शान्ति बनाये रखनेके बहाने इस विधेयकका[२] लाया जाना निन्दनीय है । इस विधेयकको पास होनेसे रोकनेका हमें कोई भी उपाय उठा नहीं रखना चाहिए। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह कानून अपनी कठोरताके कारण ही पास नहीं हो सकेगा । मेरा खयाल है कि शाही परिषद् के सभी भारतीय सदस्य तो विधेयकका सख्त विरोध करेंगे ही। फिर भी कोई कारण नहीं है कि देश एक जबरदस्त आन्दोलन न करे। मैं ऐसे आन्दोलनमें अपना तुच्छ योग देने की तयारी कर रहा हूँ। मैं यह देख रहा हूँ कि विधेयकका क्या होता है । इस विधेयकके तुरन्त ही कानून बन जानेका तो कोई डर नहीं है, इसलिए हमें यथाशक्ति जबरदस्त आन्दोलन शुरू करने और उसे फैलानेका समय मिल जायेगा । विधेयकका जो कुछ होगा, सो होगा । मैं हर हालत में चाहता हूँ कि जबतक अली बन्धुओंको पूरी स्वतन्त्रता न मिल जाये,

  1. इलाहाबादसे प्रकाशित होनेवाला अंग्रेजी दैनिक।
  2. रौलट विधेयक ।