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१०४, पत्र : सर विलियम विन्सेंटको

आश्रम
साबरमती
फरवरी १२, १९१९

सर्वश्री मुहम्मद अली और शौकत अलीके मामलेकी जाँचके लिए जो समिति बिठाई गई थी उसने अपना कार्य तो समाप्त कर दिया है । किन्तु सरकार अब इस मामलेके सम्बन्धमें किसी निर्णयपर पहुँच गई है अथवा नहीं, इसका पता नहीं चला।

[ अंग्रेजीसे ]

नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया : होम : पॉलिटिकल-ए : जुलाई १९१९ : संख्या १ व ० डब्ल्यू० ।

१०५. पत्र : नरहरि परीखको

[ बम्बई ]
बृहस्पतिवार [ फरवरी १३, १९१९][१]

भाईश्री नरहरि

मैंने आज आपको कविश्रीका[२]}} एक लेख भेजा है । वह खूब विचार करने योग्य है । मुझे लगता है, [ कविश्रीने ] उसमें जो आदर्श प्रस्तुत किया है, हमारी कोशिश उस उद्देश्य तक पहुँचनेकी है । भारतकी भावी शिक्षा-प्रणाली हमारे अगले दस वर्षों में किये जानेवाले प्रयत्नोंपर आधारित होगी। आप सब उस लेखपर मनन करना । मेरी ऐसी मान्यता है कि कविश्री स्वयं अपने आदर्शोंको बहुत कम व्यवहारमें लाते हैं ।

मैं रविवारको वहाँ आ जाऊँगा । उसी दिन वापस चला जाऊँगा । :समस्त विद्यार्थियों के सुलेखपर बहुत ध्यान देना ।
मुझे उम्मीद है, तुम प्रयत्नपूर्वक जल्दी उठनेकी कोशिश करते होगे ।
द० सा०[३] का दूसरा भाग उसकी विषयवस्तुके कारण मुझे बहुत अच्छा लगा । उसमें वर्णित कला सारी-की-सारी लुप्त हो जायेगी ।

१. पत्र में गांधीजीने महादेव देसाईंकी बिजौलिया यात्रा और आश्रमके लिए संगीत-अध्यापक के सम्पर्क में आनेकी जिन घटनाओंका जिक्र किया है वे फरवरी महीनेके दूसरे सप्ताहमें घटित हुई थीं । २. रवीन्द्रनाथ ठाकुर । संकेत संभवतः उनके लेख 'भारतीय संस्कृतिका केन्द्र' [ द सेन्टर ऑफ इंडियन कलचर ] की ओर है । ३. यहाँ सम्भवतः दलपत सारकी ओर संकेत किया गया है । इसमें दलपत कविकी मुख्य-मुख्य कविताएँ संकलित की गई हैं। इसका संपादन नरहरि परीखने किया था ।

  1. पत्र में गांधीजीने महादेव देसाईंकी बिजौलिया यात्रा और आश्रमके लिए संगीत-अध्यापक के सम्पर्क में आनेकी जिन घटनाओंका जिक्र किया है वे फरवरी महीनेके दूसरे सप्ताहमें घटित हुई थीं ।
  2. रवीन्द्रनाथ ठाकुर । संकेत संभवतः उनके लेख ' भारतीय संस्कृतिका केन्द्र' [ द सेन्टर ऑफ इंडियन कलचर ] की ओर है ।
  3. यहाँ सम्भवतः दलपत सारकी ओर संकेत किया गया है । इसमें दलपत कविकी मुख्य-मुख्य कविताएँ संकलित की गई हैं। इसका संपादन नरहरि परीखने किया था ।

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