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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

खण्ड ३० : जिन व्यक्तियोंपर प्रतिबन्ध लगाया गया होगा उन व्यक्तियोंसे निर्धारित समयपर मुलाकात करनेके लिए स्थानीय सरकार मुलाकात समिति नियुक्त करेगी और उस समितिकी सत्ता आदिके सम्बन्धमें विशेष धाराएँ बनायेगी ।

भाग ३

खण्ड ३२ : यदि गवर्नर-जनरलकी परिषद्‌को ऐसा लगे कि हिन्दुस्तानमें अथवा उसके किसी क्षेत्रमें अमुक अपराध इस हदतक बढ़ गये हैं कि उससे सामाजिक सुरक्षा खतरेमें पड़ गई है तो वह उस क्षेत्रमें सरकारी 'गजट' में पहलेसे सूचना निकालकर इस भागको लागू कर सकती है ।

खण्ड ३३: जब स्थानीय सरकारको ऐसा प्रतीत हो कि कोई व्यक्ति, किसी क्षेत्र में, अमुक अपराध में भाग लेता है तो उसके सम्बन्धमें वह भाग दो में उल्लिखित आदेश जारी कर सकती है और उसके अलावा (क) ऐसे किसी भी व्यक्तिको बिना वारंटके गिरफ्तार करनेका आदेश दे सकती है; (ख) ऐसे व्यक्तिको निर्दिष्ट स्थानपर, निर्दिष्ट शर्तोंके साथ तथा निर्दिष्ट प्रतिबन्धोंके अन्तर्गत रोकनेका आदेश जारी कर सकती है; (ग) यदि स्थानीय सरकारको लगे कि ऐसे व्यक्ति द्वारा अमुक स्थानका उपयोग इस तरह किया गया है, हो रहा है अथवा होनेवाला है जिससे सामाजिक सुरक्षापर आँच आती है तो वह उस जगहकी तलाशी लेनेका आदेश निकाल सकती है। उक्त मनुष्यको जहाँ भी वह देखने में आये वहाँ कोई पुलिस अधिकारी अथवा ऐसा कोई अन्य अधिकारी जिसे [ गिरफ्तार करनेका ] आदेश मिला हो, गिरफ्तार कर सकता है।

किसी व्यक्तिको गिरफ्तार करनेका अथवा किसी घरकी तलाशी लेनेका आदेश ऐसा कोई भी अधिकारी अमलमें ला सकता है जिसे वह आदेश दिया गया हो, और उस आदेश को अमल में लानेके लिए वह जो कार्रवाई उचित जान पड़े, सो कर सकता है। ऊपर लिखे अनुसार जिस व्यक्तिको गिरफ्तार किया जायेगा उस व्यक्तिको, दूसरा आदेश जारी होने तक अधिकसे-अधिक १५ दिनतक गिरफ्तार करनेवाला अधिकारी हिरासत में रख सकता है ।

किसी भी स्थानकी तलाशी लेनेके आदेशकी रूसे जाँच अधिकारीको उसके अपने मतानुसार जो वस्तु सामाजिक सुरक्षाके लिए खतरनाक प्रतीत हो अथवा जिसके खतरनाक होनेकी सम्भावना हो उस वस्तुको वह अपने अधिकारमें ले सकता है । और उसकी व्यवस्था कर सकता है।

खण्ड ३६ : खण्ड ३३ के अन्तर्गत जारी किये गये किसी भी आदेशपर खण्ड २२ से २६ तककी व्यवस्थाएँ उसी प्रकार लागू होंगी मानो वह आदेश खण्ड २१ के अन्तर्गत जारी किया गया हो ।

टिप्पणी : खण्ड २२ से २६ तककी टिप्पणी देखिए ।

खण्ड ३७ : जो व्यक्ति भाग ३ के अनुसार जारी किये गये आदेशका अनादर करेगा उसको एक वर्ष तककी कैद मिलेगी अथवा उसपर जुर्माना किया जायेगा अथवा दोनों सजाएँ मिलेंगी ।