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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

उसे मिली सजाको भोगनेके बाद भी ऐसे अपराधोंके सम्बन्धमें दो वर्षकी अवधिके लिए अच्छे चालचलनका मुचलका दे । यदि किसी व्यक्ति के ऊपर, उसके रिहा होनेके बाद, इस विधेयकके अनुसार पुलिसको अपने निवास-स्थान अथवा उसमें परिवर्तनकी सूचना देनेका [ प्रतिबन्ध ] आदेश जारी किया गया हो तो वैसे व्यक्तिके विरुद्ध स्थानीय सरकार लिखित आदेश जारी करके निम्नलिखित किसी भी शर्त के अनुसार आचरण करनेका निर्देश दे सकती है ।

(क) उल्लिखित व्यक्तिको अमुक प्रदेशमें दाखिल होना, रहना अथवा रुकना नहीं चाहिए;

(ख) उसे ब्रिटिश भारतके अमुक हिस्सेमें ही रहना चाहिए;

(ग) जिससे शांति भंग होती हो अथवा जनतामें उत्तेजना फैलती हो, ऐसे किसी विषयकी चर्चा करनेके लिए अथवा इन विषयोंसे सम्बन्धित कोई भी लिखित अथवा प्रकाशित खबरको फैलानेके लिए अथवा किसी भी तरहके राजनैतिक विषयके समर्थनके लिए आयोजित सार्वजनिक सभामें उसे भाषण नहीं करना चाहिए ।

टिप्पणी : इसका अर्थ यह हुआ कि कथित अपराधके लिए पर्याप्त सजा भुगत चुकनेके बाद भी, व्यक्तिको, सरकारकी ओरसे किये जानेवाले अत्याचारसे मुक्त होनेकी उम्मीद नहीं करनी चाहिए ।

प्रवर समिति द्वारा किये गये परिवर्तन

यह रिपोर्ट १ मार्चको प्रकाशित हुई । उसका जो भाग सर्वसम्मतिसे पास हुआ है, उससे होनेवाले आवश्यक परिवर्तन हम नीचे प्रस्तुत करते हैं । इस रिपोर्टपर माननीय पंडित मालवीयजी, विट्ठलभाई पटेल और खापर्डेने हस्ताक्षर नहीं किये। माननीय सुरेन्द्रनाथ बनर्जी, शास्त्री, [ तथा ] एम० शफीने अपना विशिष्ट मत जाहिर करनेवाली एक अलग टिप्पणी लिखी है । इसमें उन्होंने कुछ एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन सुझाये हैं ।

समितिका कहना है कि हालांकि उसने विधेयक संख्या २ में थोड़े-बहुत परिवर्तन किये हैं; फिर भी विधेयकके मूल सिद्धान्तोंमें परिवर्तन करनेमें समितिने आगापीछा किया है । यदि ऐसे सुधार किये जा सकते हैं तो वे केवल शाही परिषद् में ही किये जा सकते हैं।

विधेयक मूलतः हमेशा के लिए था; समितिने उसे तीन वर्ष तकके लिए [ सीमित करनेकी] सिफारिश की है।

मूल विधेयक चाहे किसी भी प्रकारके अनुसूचित अपराधपर लागू होता था । प्रवर समितिकी सलाह है कि वह राज्यके विरुद्ध आक्रमण करनेवाले अथवा दंगा-फसाद को उत्तेजना देनेवाले अपराधोंपर ही लागू किया जाना चाहिए ।

मूल विधेयकके ९वें खण्डके अन्तर्गत अभियुक्त दस दिनकी मोहलत मांग सकता है, उसके बदले अब चौदह दिन हो गये हैं ।

१. इसके वादका अंश स्पष्टतथा मार्च २, १९१९ के बाद जोड़ा गया था ।