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१४४. भाषण : मद्रास मजदूर संघ में[१]

मार्च १९, १९१९ मुझे आजकी शाम आप लोगोंसे मिलकर बहुत प्रसन्नता हुई है । मैं आपसे तमिल में बात करना पसन्द करता, परन्तु दुर्भाग्यसे अबतक तमिल सीखनेके मेरे सारे प्रयत्न असफल रहे हैं। इसलिए यदि मैं आपके सम्मुख आपकी मातृभाषामें नहीं बोल पाया हूँ तो इसके लिए आप मुझे क्षमा करें। अपने सामनेके चेहरोंमें से अनेक मुझे उन चेहरोंसे मिलते- जुलते जान पड़ते हैं जिन्हें मैं दक्षिण आफ्रिकामें देखा करता था। मैंने वहाँ तमिल- भाइयोंके साथ काम किया है, उनके साथ रहा हूँ और उनके साथ खाया-पिया है । आप लोगोंका साथ मेरे मनको उन दिनोंकी याद दिलाता है जो मैंने उनके साथ बिताये हैं ।

आप जानते हैं कि बिना श्रमके धनसे कुछ नहीं बन सकता और न बिना धनके श्रमसे कुछ हो सकता। आपके मालिक आपके श्रमसे धन अर्जित करते हैं; उसका कुछ अंश आप लोगोंमें बाँट दिया जाता है। इस प्रकार आपको भी लाभ होता है । लाभकी इस स्थितिकी प्राप्तिके साथ कुछ जिम्मेदारियाँ जुड़ी हैं, और उनमें से कुछ मैं आपको बताऊँगा । प्रथम और सबसे मुख्य बात यह है कि आपको सच्चा होना चाहिए, क्योंकि बिना सचाईका मनुष्य एक खोटे सिक्केकी तरह निकम्मा होता है । आपकी वह सचाई निखरे, इसके लिए आपको शिक्षित होना चाहिए। मैं देखता हूँ कि श्री वाडियाने मेहरबानी करके आप लोगोंके लिए एक पुस्तकालय और एक वाचनालय खोल दिया है, और मुझे जरा भी सन्देह नहीं है कि यदि आप उनसे कहें तो वे आपके लिए शिक्षकोंका प्रबन्ध भी कर सकते हैं। शिक्षा किसी भी उम्र में ली जा सकती है और यदि आप उचित शिक्षा लेंगे और अध्ययन करने योग्य पुस्तकोंका अध्ययन करेंगे तो आपकी उन्नति होगी । तब आप अपने अधिकारों और कर्त्तव्योंको अधिक अच्छी तरह समझेंगे । आप चाहें तो अपना समय और धन शराब पीने तथा जुआ खेलने में बरबाद कर सकते हैं और चाहें तो उनका सदुपयोग अपनेको तथा अपने बच्चोंको शिक्षित करनेमें कर सकते हैं। मैं आशा करता हूँ कि मैंने आज जो थोड़ेसे शब्द आपसे कहे हैं आप उन्हें याद रखेंगे और मैंने जैसा कहा है उसके अनुसार आचरण करनेकी कोशिश करेंगे । आप लोगोंसे मुझे यहाँ मिलनेका अवसर मिला, इसके लिए में आप सबको धन्यवाद देता हूँ । मेरी कामना है, भगवान् आपको और आपके परिजनोंको सुखी रखे और आप भारतके अच्छे नागरिक बनें । थे ।

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६४६२) की फोटो - नकलसे ।


  1. इस भाषणका तमिल अनुवाद दण्डपाणि पिल्लैने किया था । अध्यक्ष-पदपर वी० पी० वाडिया

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