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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


ऐसे व्यक्तिसे, जिसने प्रतिज्ञाका वह अर्थ नहीं समझा है जो मैंने विभिन्न सभाओं में बताया है, यही कहना चाहता हूँ कि वह इसी व्यक्तिका अनुकरण करे । सत्याग्रहियों की संख्या पर हमारा उतना जोर नहीं है जितना उनकी उत्कृष्टतापर है। अतएव सत्याग्रहीमें क्या गुण होने चाहिए में यह स्पष्ट कर रहा हूँ । हर कीमतपर और हर हालत में उसे सत्यका पालन करना चाहिए। उसे निरन्तर अपने विरोधियोंको प्यार करनेका प्रयत्न करना चाहिए। उसे हर प्रकारके कष्ट सहनेके लिए तैयार रहना चाहिए, चाहे वे कष्ट उसपर सरकारने - जिसका वह फिलहाल शिष्टतासे विरोध कर रहा है। डाले हों, और चाहे उन लोगोंने जो उससे मतभेद रखते हैं । इस प्रकार यह आन्दोलन आत्म-शुद्धि और प्रायश्चित्तकी एक प्रक्रिया है । विश्वास कीजिए कि यदि हम सही भावनासे इस प्रक्रियामें से गुजरते हैं तो वे सब आशंकाएँ जो सरकार और हमारे कुछ मित्रोंने व्यक्त की हैं, निराधार साबित होंगी और हम देखेंगे रौलट विधेयक तो वापस ले ही लिये जायेंगे, साथ ही देश सत्याग्रहको जायज शिकायतोंको दूर कराने और सुधार उपलब्ध करनेका एक शक्तिपूर्ण और धर्म-संगत अस्त्र मान लेगा ।

[ अंग्रेजीसे ]

न्यू इंडिया,२१-३-१९१९

१४६. भाषण : मद्रास में ट्रामवे कर्मचारियोंको सभामें

मार्च २१, १९१९

आज सुबह ८ बजे लगभग १५० हड़ताली सेंट जॉर्जेस कैथिड्रल रोडपर मकान संख्या २में महात्मा गांधीसे मिलने और उनकी सलाह लेनेके लिए जमा हुए। श्री गांधी अंग्रेजीमें बोले और श्री चक्रवर्ती राजगोपालाचारी उनके भाषणका तमिल अनुवाद करके सुनाते गये।

सबसे पहले श्री गांधीने एक हड़तालीसे पूछा, क्या आप अबतक हड़तालसे तंग नहीं आ गये हैं ? आप इसे कबतक जारी रख सकते हैं ? उसने जवाब दिया, मैं हड़तालसे तंग नहीं आया हूँ और में उसे दस या पन्द्रह दिन और जारी रख सकता हूँ। गांधीजीने उससे फिर पूछा यदि हड़ताल इससे अधिक समय तक चलती रही तो आप क्या करेंगे ? उसने उत्तर दिया, मैं उसके बाद १० दिन और भी इसी प्रकार निकालना चाहूँगा ।

इसके बाद श्री गांधीने कहा :

मैंने आपकी हड़ताल के बारेमें कुछ बातें सुनी हैं। आपकी माँगें क्या हैं यह में मोटे तौरपर जानता हूँ । परन्तु मैं अभी पूरे मामलेमें गहराईसे नहीं पैठा हूँ। मैं कम्पनी का पक्ष भी पूरी तरह नहीं जानता हूँ । अतएव में कह नहीं सकता कि आपकी माँगें हर तरह उचित हैं अथवा नहीं। परन्तु आपकी माँगोंको उचित मानते हुए, पूरा विश्वास किये लेता हूँ कि आपका हड़तालकी घोषणा करना नितान्त न्यायसंगत है । जब कभी