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भाषण : मद्रास में ट्रामवे कर्मचारियोंकी सभा में

कर्मचारियोंका एक समुदाय अपनी जायज शिकायतें अपने मालिकोंके सामने ले जाता है और मालिक उसकी सुनवाई नहीं करते तो उसके सम्मुख एकमात्र निर्दोष हथियार हड़ताल ही रह जाता है । इसलिए एक अच्छी और सफल हड़तालके लिए पहली जरूरी चीज यह होनी चाहिए कि उसका उद्देश्य अच्छा और न्यायसंगत हो । दूसरी बात यह है कि हड़तालियोंको कभी हिंसाका आश्रय नहीं लेना चाहिए । कहनेका मतलब यह है कि आप अपने मालिकोंको नुकसान न पहुँचायें और न उनको नुकसान पहुँचायें जो हड़तालमें आपके साथ न हों । आपको चाहे जितनी कठिनाइयाँ झेलनी पड़ें, फिर भी हमेशा सत्यपर दृढ़ रहना चाहिए । और हड़ताल करते समय आपको चाहे जैसी कठिनाइयों, यहाँ तक कि अन्न और वस्त्रके अभाव तकके लिए भी हमेशा तैयार रहना चाहिए। मैं आशा करता हूँ कि आप अपनी हड़ताल इसी तरह चला रहे हैं । यह देखकर मुझे बड़ी खुशी हुई है कि आप सबमें पूर्ण सहयोग है और एक भी कर्मचारी इस समय कामपर नहीं जा रहा है । मुझे इसकी भी खुशी है कि आप बहुत ही अनुशासनपूर्ण ढंग बरत रहे हैं । चूंकि आप इतना आगे बढ़ गये हैं, मैं आशा करता हूँ कि आप अपनी हड़ताल माँगें पूरी होने तक जारी रखेंगे । मैं चाहता हूँ कि आप एक सावधानी यह बरतें कि अपनी माँगोंको लिख डालें और आपमें से हरेक जाने कि आपकी माँगें क्या हैं । साथ ही जब समझौतेका समय आये, आप अपनी माँगें न बढ़ायें। यदि समय-समयपर अपनी माँगें बढ़ायेंगे या बदलेंगे तो वह अनुचित होगा । यदि उन लोगोंके द्वारा, जिनपर आप पूरा भरोसा कर सकते हैं, पंच फैसलेका सुझाव दिया जाये, तो मैं आपको सलाह देता हूँ कि आप उस पंच फैसलेके लिए राजी हो जायें; क्योंकि पंच आपसे, कम्पनीसे और संसारसे यह कह सकेंगे कि आपकी माँगें उचित हैं अथवा नहीं । यह मानते हुए कि आपकी माँगें उचित हैं और आप उन शर्तोंको पूरा कर रहे हैं जो मैंने रखी हैं, मैं अन्तमें यह प्रश्न पूछना ठीक समझता हूँ कि यदि हड़ताल लम्बी हो जाये तो आप क्या करेंगे । मैं जानता हूँ कि आप सब लोगोंके पास इतना पैसा नहीं है कि आप अनिश्चित अवधि तक हड़ताल चलनेपर अपना गुजारा करते रह सकें । आप मजदूर हैं, और हट्टे-कट्टे आदमी हैं; इसलिए मैं आपको सलाह देता हूँ कि आप अपने गुजारेके लिए जनताकी सहायतापर निर्भर न रहें। जिसके हाथ-पैरोंमें शक्ति है उस मनुष्यका अपने गुजारेके लिए जनताकी सहायतापर निर्भर रहना अप्रतिष्ठाकी बात है । इसलिए मैं आपको सलाह देता हूँ कि आप गुजारेके लिए कोई अस्थायी काम ढूंढ़ लें । इस धरतीपर किसी भी मनुष्यके लिए ईमानदारीका कोई भी काम हेय नहीं है । यदि मैं आपकी जगह होता तो मैं चाहे जितने दिनों तक धरती खोदनेका काम हाथ में ले लेता । मेरे पास इतना समय नहीं है कि मैं आपको अहमदाबादकी हालकी हड़तालका इतिहास सुनाऊँ । वहाँ मजदूरोंने अपनी हड़ताल २३ दिन तक जारी रखी । आप किसी मित्रसे पूछ लें कि वह हड़ताल क्या थी । परन्तु उस हड़ताल के बारेमें मैं आपको इतना बता देना चाहता हूँ कि जो लोग ४० रुपये प्रति माह कमाते थे उन्होंने फावड़े चलाने और डलियोंमें मिट्टी भरकर सिरपर उठाकर एक जगह से दूसरी जगह ले

१. देखिए खण्ड १४ ।