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पत्र : एनी बेसेंटको

राजनैतिक सभाओं और चर्चाओं में भाग न लें, फिर भी मेरी रायमें उन्हें महत्त्वपूर्ण मामलोंमें, जैसा मैंने सुझाया है वैसे मर्यादित ढंगसे, अपनी भावना प्रकट करनेका पूरा अधिकार है ।

(३) उस दिन भारतके सभी भागोंमें, देहातों में भी, सार्वजनिक सभाएँ करके उनमें इन कानूनोंको रद करनेकी प्रार्थना करते हुए प्रस्ताव पास किये जायें।

अगर मेरी सलाह मानने योग्य समझी जाये, तो इस सम्बन्धमें व्यवस्था करनेका मुख्य दायित्व विभिन्न सत्याग्रही संगठनोंपर रहेगा। लेकिन साथ ही में उम्मीद रखता हूँ कि अन्य सार्वजनिक संगठन भी इस प्रदर्शनको सफल बनाने में सहायता देंगे ।

मो० क० गांधी

हिन्दू, २४-३-१९१९; तथा हस्तलिखित अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ६४६९ ) की फोटो- नकलसे ।

१४८. पत्र : एनी बेसेंटको

२, कैथिड्रल स्ट्रीट

[ मद्रास ]

मार्च २३, १९१९

प्रिय श्रीमती बेसेंट,

कलके 'न्यू इंडिया' में... [१] द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र प्रकाशित हुआ है। संवाददाताने सत्याग्रहियोंकी एक निजी बैठककी कार्रवाईके बारेमें कुछ खबर दी है। भविष्य में आपके मार्गदर्शनके लिए क्या मैं यह कह सकता हूँ कि सभा या उसकी समिति की कार्रवाईको तबतक गुप्त माना जाये जबतक उसके प्रकाशनकी अनुमति अधिकृत रूपसे न दी जाये। मुझे विश्वास है कि आप समितिकी इच्छाका खयाल रखेंगी।[२]

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६४६४ ) की फोटो - नकलसे ।



  1. मसविदेमें नाम नहीं दिया गया है ।
  2. श्रीमती बेसेंटने इसका उत्तर यह दिया था : " निश्चय ही; मुझे उक्त पत्र आपके ही एक आदमीसे प्राप्त हुआ और मैंने उसे एक साधारण समाचार मानकर प्रकाशित कर दिया था । "