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भाषण: सत्याग्रह आन्दोलनपर

बाद और खरे होकर निकलेंगे। इसमें मुझे राई-भर सन्देह नहीं है । अन्तमें, कृपया याद रखें कि इस विशाल श्रोतृमण्डलीमें जो लोग सत्याग्रही हैं यदि वे दूसरोंको अपने पंथमें शामिल करना चाहते हैं तो उसका सर्वोत्तम तरीका दूसरोंके प्रति तनिक भी दुर्भावना न रखना ही नहीं बल्कि अपने स्वभावकी मधुरता, नम्रता और प्रेमकी भावनासे उनका मन जीतना है। मैं एक बार फिर आपको धन्यवाद देता हूँ ।

[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दू, २७-३-१९१९


१५६. भाषण: सत्याग्रह आन्दोलनपर

मदुराई
मार्च २६, १९१९

अध्यक्ष महोदय और सज्जनो,

खड़े होकर न बोलनेके लिए आप मुझे क्षमा करें; क्योंकि मेरा शरीर अभी तक बहुत कमजोर है। तमिलमें आपके सामने न बोल सकनेके लिए भी मैं आपसे बहुत-बहुत माफी चाहता हूँ । लेकिन मुझे आपसे अंग्रेजीमें बोलना पड़ रहा है, इसकी जिम्मेदारीसे मैं आपको भी पूरी तरह बरी नहीं कर सकता । आपमें से जिन लोगोंको पर्याप्त शिक्षा प्राप्त हुई है वे यदि यह समझ लेते कि हिन्दी, और केवल हिन्दी ही भारतकी राष्ट्रभाषा बन सकती है तो आप इस समय तक इसे किसी-न-किसी तरह सीख लेते। लेकिन हम अपनी गलतियाँ अब भी सुधार सकते हैं। अब आपको मद्रास तथा कुछ अन्य स्थानोंपर हिन्दी सीखनेका सुअवसर उपलब्ध कर दिया गया है । संसारकी सारी भाषाओंकी तुलनामें इस भाषाका सीखना सबसे सरल है । मुझे तमिल भाषाका कुछ ज्ञान है; यह अत्यन्त सुन्दर और सुमधुर भाषा है, लेकिन इसका व्याकरण सीखना बहुत मुश्किल है। हिन्दीका व्याकरण सीखना तो बच्चोंका खेल है। इसलिए मैं आशा करता हूँ कि जो अवसर आपको मिला है उसका आप सब लोग लाभ उठायेंगे । लेकिन मैं हिन्दीके बारेमें आपसे ज्यादा कुछ न कहकर असली विषयपर आता हूँ ।

जैसा कि आप जानते हैं, में तंजौर और तिरुचिनापल्लीसे होकर आपको यहाँ भी वही निमंत्रण देने आया हूँ जो मैंने उक्त दोनों जगहोंके लोगोंको दिया है। मैं आपसे सत्याग्रहकी प्रतिज्ञापर हस्ताक्षर करनेके लिए कहने आया हूँ । प्रतिज्ञापत्रमें क्या है सो आपको मालूम है। इसे रौलट कानूनका प्रतिरोध करनेके उद्देश्यसे लिखा गया है । कानूनके क्या असर होंगे, यह बताना जरूरी नहीं है। अखबारोंके जरिये और वक्ताओंसे, कानूनमें क्या है और उसके दूरव्यापी प्रभाव क्या हैं, सो आप जान ही चुके हैं । मेरे लिए इतना कहना ही काफी है कि यह कानून ऐसा है कि जिसे कोई स्वाभिमानी राष्ट्र स्वीकार नहीं कर सकता। जिस राष्ट्रके विरुद्ध इसको लागू किया जायेगा उसे अपमानित करना ही इसका लक्ष्य है । हमारी ओरसे हमारे प्रतिनिधियोंने एकमत से इसका प्रबल विरोध किया, लेकिन इसे पास कर दिया गया । सरकारने

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