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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


ग्रह आन्दोलनका स्वरूप-भर बताया है । इस आन्दोलनके एक और सम्भावित परिणामकी ओर भी मैं आपका ध्यान दिलाना चाहूँगा । सरकारका कहना है कि रौलट कानूनसे देशमें अराजकतावादी आन्दोलन सदाके लिए समाप्त हो जायेगा । जैसा कि अन्यत्र भी कहा गया है, इस कानूनसे ऐसा कुछ भी नहीं होगा । लेकिन मैं आपसे यह कहनेका साहस करता हूँ कि सत्याग्रहके इस आन्दोलनसे अराजकतावादी तत्त्वोंकी अपरिमित शक्तिको एक रास्ता मिलेगा । यह आन्दोलन उनके स्वभावमें ही परिवर्तन उत्पन्न करके शिकायतें दूर करानेके शुद्ध उपायोंका अवलम्बी बना देगा | इन परिस्थितियोंमें मुझे भरोसा है कि आन्दोलनके प्रति सबका आदरभाव होगा और इसे सबका समर्थन प्राप्त होगा । आपने मेरी बातें इतने धैर्यके साथ सुनीं इसके लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद । मुझे आशा है, आज देशमें जो कुछ हो रहा है उसपर आप विचार करेंगे और जो अपना कर्त्तव्य लगे वह करेंगे । ईश्वरसे मेरी प्रार्थना है कि वह आपको अपना मार्ग समझनेकी सद्बुद्धि दे। एक बार फिर मैं आपको धन्यवाद देता हूँ ।

[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दू,२९-३-१९१९

१५७. भाषण : सत्याग्रह आन्दोलनपर तूतीकोरिनमें

मार्च २८, १९१९

अध्यक्ष महोदय और मित्रो,

मैं कमजोरी के कारण खड़े होकर नहीं बोल सकता, इसलिए आपसे माफी चाहता हूँ । आपसे तमिलमें न बोल सकनेकी भी माफी चाहता हूँ । जब आप भारतकी राष्ट्रभाषा अर्थात् हिन्दी सीख लेंगे तो आपके सामने हिन्दीमें भाषण करनेमें मुझे बहुत खुशी होगी । यह आपके ऊपर है कि चाहें तो मद्रास और अन्य स्थानोंपर हिन्दी सीखनेकी जो सुविधा उपलब्ध है उसका लाभ उठायें। जबतक आप हिन्दी नहीं सीखते तबतक आप शेष भारतसे अपनेको बिलकुल अलग रखेंगे । आपने मुझे यह अभिनन्दन दिया इसके लिए मैं आपको बहुत धन्यवाद देता हूँ । आज शाम मैं आपके पास एक निमन्त्रण देने आया हूँ। यह स्थान भारतका धुर दक्षिणी प्रदेश है । मद्राससे यहाँ तक की अपनी यात्रामें इन क्षेत्रोंमें व्याप्त धार्मिक भावना और धार्मिक तत्त्वोंकी बहुलताने मेरा ध्यान विशेष रूपसे आकृष्ट किया । भारतका यह दक्षिणी भाग जिस तरह मंदिरोंसे भरा पड़ा है, वैसा भारतका कोई दूसरा भाग नहीं है । वास्तुकलाके इन अद्भुत नमूनोंपर अपार धन व्यय किया गया है। किसी भी अन्य चीजकी अपेक्षा ये मन्दिर मेरे लिए इस बातके प्रमाण हैं कि हम लोग अत्यन्त धार्मिक प्रवृत्तिके लोग हैं, और भारतकी जनताके मनको छूने के लिए धर्म ही सर्वोत्तम साधन है । मैं आपसे एक धार्मिक बात कहने आया हूँ । हममें से बहुत लोग सोचते हैं राजनीतिमें धर्मको खींचना कतई आवश्यक नहीं है । कुछ लोग यहाँतक कहते हैं कि राजनीतिका धर्मसे कोई सम्बन्ध नहीं होना चाहिए । हमारा