पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/२१७

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१७६. सन्देश : मद्रास-निवासियोंको[१]

[ बम्बई]
अप्रैल ६, १९१९

मुझे पूर्ण आशा है कि बलिअम्मा, नागप्पन, नारायणसामी तथा अन्य वीरात्माओं जिनके साथ मुझे दक्षिण आफ्रिकामें काम करने का सौभाग्य मिला था जन्म देनेवाला आपका महाप्रान्त आज जब कि हम सब लोगोंसे बलिदान माँगा जा रहा है पीठ दिखायेगा । मुझे निश्चय है कि जबतक हमारे भावी हिस्सेदार हमारी इज्जत नहीं करते तबतक ये सुधार किसी होंगे । और हमें मालूम है कि कामके नहीं वे केवल उन्हींकी इज्जत करते बलिदान करनेकी क्षमता रखते किस प्रकार निस्संकोच दिया था । हमारा उद्देश्य कहीं अधिक अच्छे हैं जो आदर्शोंके लिए उन्हींकी भाँति हैं । देखिए गत महायुद्धके अवसरपर उन्होंने होकर अपना रक्त और धन उँडेल तो उच्चतर है और हमारे साधन अपेक्षाकृत क्योंकि हम अपना रक्त तो बहा सकते हैं परन्तु दूसरोंका कभी नहीं । हैं,

महादेव देसाईके स्वाक्षरोंमें अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६५००) की फोटो- नकलसे ।

१७७. तार : स्वामी श्रद्धानन्दको

[ बम्बई]
अप्रैल ६, १९१९

श्रद्धानन्दजी
दिल्ली

दिल्लीके लिए मंगलवारको[२]रवाना होनेकी आशा करता हूँ। क्या यह पर्याप्त होगा ?

महादेव देसाईके स्वाक्षरोंमें दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६५०४) की फोटो- नकलसे ।

  1. यह संदेश मद्राससे भेजे गये इस तारके उत्तर में दिया गया था “ सत्याग्रह-दिवसके लिए तार द्वारा संदेश भेजनेकी कृपा कीजिये । संदेशका अनुवाद यहाँकी देशी भाषाओं में करानेको व्यवस्था की जा रही है रंगास्वामी " (एस० एन० ६५०० ) ।
  2. अप्रैल ८ ।