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तार : राजेन्द्रप्रसादको

सत्यके आग्रहमें जरा भी ढिलाई बरदाश्त नहीं करता। कृपया एक्सप्रेस डाक द्वारा उत्तर दीजिये।[१]

मो० क० गांधी

महादेव देसाईके स्वाक्षरोंमें दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६५०९ ) की फोटो- नकलसे।

१९२. तार : स्वामी श्रद्धानन्दको

अप्रैल ८, १९१९

कल शाम वहाँ पहुँच रहा हूँ। कृपया मेरे आनेकी बात अपने तक ही रखें। किसी प्रकारका प्रदर्शन नहीं चाहता।

[ अंग्रेजीसे ]

एविडेंस टेकन बिफोर डिसआर्डर्ज इन्क्वायरी कमेटी;खंड १, पृष्ठ १९१।

१९३. तार : राजेन्द्रप्रसादको

[ बम्बई ]
अप्रैल ८, १९१९

राजेन्द्रबाबू
पटना

कल दिल्ली पहुँचूँगा। उसके बाद आगेका कार्यक्रम तारसे भेजूंगा।

महादेव देसाईके स्वाक्षरोंमें दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६५०१ ) की फोटो- नकलसे।

  1. १.सी० आर० दासने उत्तर दिया था : समाचारपत्रोंका विवरण भ्रामक । यहाँ रविवार को सत्याग्रह बिलकुल शान्तिपूर्वक हुआ। सभी दुकानें और बाजार बन्द, व्यापार ठप्प। प्रार्थना और उपवासके बाद मैदानमें दो लाख से अधिककी सार्वजनिक सभा। जुलूस व्यवस्थित रहा, जनता शांतिपूर्वक घरोंको लौटी। मित्र और विरोधी सभी समाचारपत्रोंने प्रदर्शनको शान्तिपूर्ण और व्यवस्थित बतलाया। ब्रिस्टल होटलको घटनाको बहुत अतिरंजित ढंगसे पेश किया गया है। सभाके विसर्जनके बाद घर लौटती हुई एक संकीर्तन मंडलीपर कुछ यूरोपियोंने ब्रिस्टल होटलसे कुछ गन्दी चीजें और ईंटोंके टुकड़े फेंके, जिससे कुछ लोग उत्तेजित हो गये पर दूसरोंने उनके पैरों पड़कर उनको रोक लिया। आंग्ल-भारतीय पत्रोंने भी घटना को छोटी-मोटी और गैर- महत्त्वपूर्ण बतलाया है। बन्दियोंको हिरासतसे छुड़ानेकी तथाकथित घटना अप्रामाणिक और हमारे प्रदर्शनसे असंबद्ध है।"