पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/२५१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।



२२१
भेंट : समाचारपत्रोंके प्रतिनिधियोंसे
हर्ष - ध्वनि न की जाये।
पूर्णतया शांति रहे।

मोहनदास क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्बे क्रॉनिकल, १४-४-१९१९

२०४. भेंट : समाचारपत्रोंके प्रतिनिधियोंसे

अप्रैल १२, १९१९

समाचार है कि महात्मा गांधीने समाचारपत्रोंके प्रतिनिधियोंसे एक भेंटके दौरान कहा कि उन्होंने दिल्ली जाने या न जानेके बारेमें अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है। उन्होंने जनतासे एकबार फिर अपील की कि रौलट विधेयकोंके विरुद्ध सत्याग्रहकी सच्ची भावनाके अनुरूप संघर्ष चलाया जाये और हिंसापूर्ण कार्योंसे बचा जाये। सत्याग्रह संघर्षके दौरान गिरफ्तार होनेवालोंके प्रति सभीको सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए, लेकिन उनकी रिहाईकी माँग नहीं की जानी चाहिए; क्योंकि जेल जाना तो सच्चे सत्याग्रहियोंका कर्त्तव्य है। उन्होंने कहा कि दुराग्रहियोंके प्रति मुझे कोई सहानुभूति नहीं है। उनको गलत कामोंके लिए दण्डित किया जाना चाहिए और उनको जनतासे सहानुभूतिकी अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए। साथ में उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि यदि जनता सत्याग्रहकी सच्ची भावनाके अनुरूप हिंसापूर्ण कार्योंसे दूर रहते हुए संघर्ष चलाये तो रौलट विधेयक शीघ्र ही विधान संहितासे हट जायेंगे। सारी परिस्थितियोंको देखते हुए हो सकता है कि सत्याग्रह-आन्दोलनको एक सर्वथा भिन्न और सीमित-सा रूप देना पड़े। सत्याग्रह-संघर्ष तो शान्त मनसे और शान्तिपूर्ण ढंगसे सत्याग्रहकी सच्ची भावनाके अनुरूप ही चलाया जाना चाहिए। अन्तमें उन्होंने एकबार फिर जनतासे जोरदार अपील की कि लोगोंको शान्तिपूर्ण ढंगसे, हिंसापूर्ण कार्योंसे दूर रहते हुए, काम करना चाहिए।

[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्बे क्रॉनिकल, १४-४-१९१९