पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/२५४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

अंक - २ २०७. सत्याग्रही - २' अप्रैल १४, १९१९ कीमत एक पैसा (सम्पादक : मोहनदास करमचन्द गांधी लैबर्नम रोड, गामदेवी, बम्बई) आत्म-परीक्षण एक सप्ताह के इस थोड़ेसे समयमें ही सत्याग्रह काफी तेजी से बढ़ गया है । परन्तु यह विचार करना आवश्यक है कि आन्दोलन सही दिशामें बढ़ रहा है या नहीं। कई बड़ी खेदजनक और अशोभनीय घटनाएँ हो गई हैं। सत्याग्रहियोंको भली प्रकार समझा दिया गया है कि सत्याग्रहका अस्त्र इस्तेमाल करना कोई आसान काम नहीं है । सत्याग्रहियोंसे बहुधा यह प्रश्न किया गया है कि इस संघर्ष के विभिन्न परिणामोंके लिए वे अपनेको उत्तरदायी मानते हैं या नहीं। हमने इस प्रश्नके उत्तरमें सदा अपना उत्तरदायित्व स्वीकार किया है । सत्याग्रही सदा सत्यका पालन करेंगे और मन, वाणी, कर्मसे किसीको हानि नहीं पहुँचायेंगे । वे अपना संघर्ष इतने आत्म-संयम और अनुशासनके साथ चलायेंगे कि जिस जनतासे वे सहानुभूति और सहयोग पानेकी आकांक्षा रखते हैं और जिसमें उनको एक बड़ी हदतक सफलता मिल चुकी है, उसे वे पक्की तौरपर नियन्त्रित कर लेंगे। पिछले सप्ताहके अनुभवने यह स्पष्ट दिखा दिया है कि सत्याग्रही अभीतक जनतापर नियन्त्रण करनेकी स्थितिमें नहीं हैं । जनतामें अभीतक सत्याग्रहकी सच्ची भावना व्याप्त नहीं हो पाई है। नतीजा यह है कि वे सत्या- ग्रहके योग्य ढंगसे अपनी भावनाएँ व्यक्त नहीं कर पाते । निःसन्देह, इससे सत्याग्रहपर लांछन आता है। पर इससे सत्याग्रहीका उत्साह मन्द नहीं पड़ेगा । वह तो तभी दम लेगा, जब रौलट विधेयक वापस ले लिया जायेगा या वह सत्यकी वेदीपर बलि चढ़ जायेगा। संघर्षके दौरान वह अपने नित्यके अनुभवसे सीखता चलेगा तथा जनताको सार्वजनिक और व्यक्ति- गत तौरपर सत्याग्रहका मर्म समझाकर शिक्षित बनाता चलेगा। वह उनको समझायेगा कि बुराईके बदले बुराई न करके कष्ट सहन करने, सत्यपर दृढ़ बने रहने और आत्मत्याग करनेसे कितना अकथ अपार आनन्द मिल सकता है। वह प्रेमसे उनके हृदय जीतेगा और उनको दिखायेगा कि शत्रुओंको भी प्रेमसे किस प्रकार जीता जा सकता है । १. सत्याग्रह स्थगित हो जानेके कारण फिर अंक नहीं निकले; देखिए बॉम्बे क्रॉनिकल, २२-४-१९१९, जिसमें छपा था : “ सत्याग्रह सभा " ने हमें सूचित किया है कि सविनय अवज्ञा आन्दोलन कुछ समय के लिए स्थगित कर दिये जानेके कारण साप्ताहिक सत्याग्रहीका प्रकाशन बन्द कर दिया जायेगा और स्थगन कालके दौरान अपंजीवित छापाखाना भी बन्द कर दिया जायेगा । " Gandhi Heritage Portal