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'सत्याग्रही' - २

सत्याग्रहीके मार्ग में अनेक बड़ी विकट कठिनाइयाँ आती हैं। लेकिन सच्चे सत्याग्रहमें निराशा या पराजय-जैसी कोई चीज नहीं होती। चूंकि सत्य सर्वशक्तिमान् है, इसलिए सत्याग्रह कभी भी पराजित नहीं किया जा सकता। भारत एक विशाल देश है और यद्यपि सत्याग्रहका प्राचीन नियम हमारे देवशवासियोंको आज नया मालूम पड़ता है, फिर भी हम इससे पीछे नहीं हट सकते। सत्याग्रही जनताको इसमें दीक्षित करनेके लिए दिन-रात मेहनत करेंगे और दिखा देंगे कि सच्चा सत्याग्रह हमारी कामधेनु बन सकती है। यदि जनता उसकी बातपर कान नहीं देगी तो सत्याग्रही जनतासे भी सत्याग्रह करेगा और आमरण अनशन करके अपने देशवासियोंको इस धर्म-युद्ध में शामिल होनेके लिए प्रेरित करेगा, जिसका अन्त विजय में ही होगा।

समाचार
महात्मा गांधी

महात्मा गांधीको, पंजाब और दिल्लीमें प्रवेश करनेसे रोकनेकी निषेधाज्ञाका पालन करनेसे मना करनेके कारण, दिल्लीके रास्तेमें गिरफ्तार करके हिरासत में बम्बई वापस पहुँचाकर रिहा कर दिया गया था। अब वे अहमदाबाद चले गये हैं।

पंजाबसे निर्वासन

डॉ० किचलू और डॉ० सत्यपालको पंजाबसे निष्कासित कर देनेके कारण लाहौर और अमृतसरमें भीषण उपद्रव हुए हैं।

बम्बई में आन्दोलन

बम्बई में निषिद्ध साहित्यकी बिक्री चल रही है। मुसलमान जनता भी आन्दोलन में दिलचस्पी लेने लगी है।

'सत्याग्रह प्रेस' नामक एक नया छापाखाना खोला गया है । अब यह समाचार- पत्र वहींसे मुद्रित हुआ करेगा।

बिहारमें सत्याग्रह

माननीय मजहरुल हक और बम्बईमें कांग्रेसके विशेष अधिवेशनोंके अध्यक्ष श्री हसन इमामने सत्याग्रह प्रतिज्ञापर हस्ताक्षर कर दिये हैं।

शाही परिषद् से इस्तीफा

मध्यप्रदेशके जमींदारोंके प्रतिनिधि, माननीय श्री बी० एन० शुक्लने रौलट विधेयकों- के विरोध में शाही परिषद् से इस्तीफा दे दिया है ।

[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्बे क्रॉनिकल, १५-४-१९१९


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