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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

कुल्हाड़ी मारने के समान होगा। सारी मिलोंके मजदूरोंको मेरी खास तौरपर सलाह् है कि वे दंगों से बिलकुल अलग रहें। यही उनका फर्ज है। में याद दिलाना चाहता हूँ कि ऐसा करनेका उन्होंने पूज्य अनसूयाबेनको और मुझे वचन दिया है।

मेरी सबसे प्रार्थना है कि सब अपने-अपने कामोंमें लग जायें ।

[ गुजरातीसे ]
महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ५

२११. पत्र : जी० ई० चैटफील्डको

आश्रम साबरमती
अप्रैल १५, १९१९

प्रिय श्री चैटफील्ड,

क्या आप कृपया मुझे उस सार्जेंटका नाम बतायेंगे, जो उन दुःखद घटनाओंमें मारा गया है। मुझे मालूम हुआ है कि केवल एक अंग्रेज ही मारा गया है। यदि कोई अन्य अंग्रेज मरे या घायल हुए हों तो मैं उनके परिजनोंके नाम तथा पते जानना चाहता हूँ। आप जानते ही हैं, कल मैंने मृतकोंके परिवारोंके पोषणार्थं चन्देकी अपील की थी और मैं जानता हूँ कि धनदाता, उन अंग्रेज परिवारोंको आर्थिक सहायता देना चाहते हैं जो इन उपद्रवियोंकी मनमानीमें मारे गये हैं या गम्भीर रूपसे घायल होकर काम करने योग्य नहीं रहे हैं ।

मो० क० गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६५३५) की फोटो - नकलसे ।

२१२. पत्र : जे० एल० मैफीको

साबरमती
अप्रैल १५, १९१९

कलके वायदेके अनुसार मैं इस पत्रके साथ, सेवामें बम्बई और अहमदाबादमें दिये गये अपने भाषणोंकी नकलें भेज रहा हूँ।

दोनों ही देशीय भाषासे अनूदित हैं और इनका अनुवाद या तो स्वयं मैंने किया है या मेरी निगरानीमें दूसरोंने किया है। मैं अपने कलके पत्रकी एक नकल भी भेज रहा हूँ। ये सभी रजिस्ट्री से भेजे जा रहे हैं; क्योंकि ऐसा पता चला है कि हालमें बहुतसे - पत्र खो गये थे।

[ अंग्रेजीसे ]

नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया : होम : पॉलिटिकल-ए:मई १९१९, सं० ४५५-७२