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पत्र: सर स्टैनली रीडको

 मैंने महसूस किया कि सरकारके प्रति मेरा कर्त्तव्य है कि मैं वस्तुस्थिति जैसी मुझे मालूम हुई, उसके विचारार्थ निवेदित कर दूँ । पिछले शुक्रवारको बम्बईमें गोली बिलकुल न चलाने के लिए अपना आभार व्यक्त किये बिना में यह पत्र समाप्त नहीं कर सकता।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६५३४) की फोटो नकलसे ।

२१४. पत्र : सर स्टैनली रोडको

आश्रम
अप्रैल १५, १९१९

प्रिय सर स्टैनली रीड,

मेरे सामान्य ढंगके अनुसार मेरे लिए अब वह समय आ पहुँचा है जब कि आपके सम्मुख मैं वे बातें रख दूँ जिन्हें मैं सार्वजनिक शान्तिके हितमें समाचारपत्रोंमें प्रकाशित नहीं कराना चाहता। वातावरण अविश्वास, असन्तोष और द्वेषसे इतना बोझिल है कि कोई ऐसी बात कहकर, जिसे सार्वजनिक रूपसे कहनेके लिए मैं बाध्य नहीं हूँ और परोक्ष रूपमें ही सही जिसके दुष्परिणाम हो सकते हैं, मैं अकल्याण-कर शक्तियोंमें वृद्धि नहीं करना चाहता।

यद्यपि बात छोटी-सी ही है, फिर भी मैं आपके संवाददाताकी भूलको सुधार देना चाहता हूँ। उनका कहना है कि मैं वास्तवमें गिरफ्तार नहीं किया गया था। लेकिन वास्तवमें जो हुआ सो यह : एक अफसर पलवल स्टेशनपर ट्रेनमें सवार हुआ और अपने हाथोंको मेरे शरीरपर रखता हुआ बोला : “श्री गांधी, मैं आपको गिरफ्तार करता हूँ" । उसके बाद तुरन्त ही में एक भारतीय सिपाहीके सुपुर्द कर दिया गया। मेरा अनुमान है सिपाही भारतीय ही था; वह मेरी बाँह पकड़कर मुझे गाड़ीसे बाहर ले गया । पलवल स्टेशन के प्लेटफॉर्मपर जिस खाटपर मैं लेटा हुआ था उसके चारों ओर चार सिपाही तैनात थे; ये चारों मेरी निगरानी करते रहे। मुझे मेरी ही प्रार्थनापर प्रतीक्षागृहसे बाहर प्लेटफार्मपर लाया गया था। एक बार में थूकने खखारने के लिए एक सिपाहीसे लगभग दो फीट आगे बढ़ा कि पकड़कर मुझे तेजीसे पीछे खींच लिया गया। मैं रात में मथुरा पहुँचाया गया और मेरे डिब्बेमें, जो कि दूसरे दर्जेका डिब्बा था, एक सिपाही तैनात किया गया। मथुरामें हम लोगोंको दूसरी गाड़ीके लिए इन्तजार करना था । बड़े सवेरे मुझे फिर एक दूसरे दर्जे के डिब्बे में बिठाया गया। एक सिपाहीकी निगरानीमें मैं वहाँ से सवाई माधोपुर लाया गया । वहाँ हम डाकगाड़ीकी प्रतीक्षा करने लगे और उसके आने पर लाहौरके श्री बौरिंगको मेरा जिम्मा दिया गया। उन्होंने मुझे अपने साथ एक पहले दर्जे के डिब्बे में बिठाया; परन्तु उस डिब्बेमें भी एक सिपाही पूरी रात पहरेदारी करता रहा ।